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Wednesday, 13 November 2013

स्कूलों में अब सिक्योरिटी गार्ड रखने की तैयारी

** बदलेगी व्यवस्था : शिक्षा विभाग जुटा रहा है जानकारी-कितने सरकारी स्कूलों में है सुरक्षा कर्मियों की जरूरत 
पंचकूला : पंचकूला के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने हर स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड रखने की तैयारी शुरू कर दी है। 
एलिमेंट्री एजुकेशन के महानिदेशक एवं हरियाणा स्कूल एजुकेशन के सचिव डॉ. डी सुरेश का कहना है कि सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी एक गंभीर मुद्दा है। हर स्कूल में एक सिक्योरिटी गार्ड होना बहुत जरूरी है। विभाग इस बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है। जल्द ही जिले के हर सरकारी स्कूल में एक सिक्योरिटी गार्ड रखने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल विभाग यह जानकारी एकत्र कर रहा है कि कितने स्कूलों में सिक्योरिटी गार्ड की जरूरत है और उनके लिए कितना वेतन होना चाहिए। इसके बाद ही इस बारे में अंतिम फैसला लेकर स्कूलों में सिक्योरिटी गार्ड रखे जाएंगे। स्कूलों में सिक्योरिटी गार्ड तैनात होने से जहां स्कूल के स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी सुनिश्चित हो सकेगी, वहीं स्कूल के स्टाफ को भी गेट पर खड़े होकर ड्यूटी देने से राहत मिल जाएगी। कुछेक स्कूलों में प्रिंसिपल्स ने स्टाफ से रुपए एकत्र कर सिक्योरिटी गार्ड तैनात कर रखे हैं। उनका वेतन सरकार की ओर से नहीं बल्कि स्टाफ की ओर से दिया जाता है। 
स्कूलों के बाहर घूमते मिलते हैं स्टूडेंट 
गौरतलब है कि पिछले दिनों शहर के कुछ सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट स्कूल से बाहर घूमते मिल चुके हैं। टीम ने कुछ सरकारी स्कूलों का दौरा किया तो पाया कि कई स्टूडेंट आधी छुट्टी के समय स्कूलों से बाहर निकल जाते थे। उन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं था। फिलहाल स्कूलों में स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी का जिम्मा प्रिंसिपल, पीटीआई और डीपीआई का है। 
कोई भी व्यक्ति स्कूल में दाखिल होकर दे सकता है वारदात को अंजाम
मौजूदा समय में सरकारी स्कूलों के लिए सिक्योरिटी गार्ड की पोस्ट सेंक्शन नहीं है। स्कूलों के मेन गेट पर सिक्योरिटी गार्ड तैनात न होने से यह डर बना रहता है कि कोई भी व्यक्ति स्कूल में दाखिल होकर किसी आपराधिक वारदात को अंजाम दे सकता है। इसी खतरे को भांपते हुए शिक्षा विभाग अब स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी को लेकर सचेत हो गया है। इससे पहले सरकारी स्कूलों में सिक्योरिटी की जिम्मेदारी प्रिंसिपल्स की ही थी। कई स्कूलों में प्रिंसिपल्स ने स्कूल के स्टाफ की ड्यूटी गेट पर खड़े होने की लगा रखी थी। ऐसे में जिस टीचर की ड्यूटी गेट पर लगाई होती थी, उनकी क्लास के स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा था, लेकिन प्रिंसिपल्स के पास इसके सिवाय कोई और चारा नहीं था, क्योंकि सिक्योरिटी गार्ड की पोस्ट न होने के कारण उन्हें स्टाफी की ड्यूटी ही गेट पर लगानी पड़ रही थी। अब स्कूलों में सिक्योरिटी गार्ड तैनात होने से प्रिंसिपल्स को भी इस परेशानी से राहत मिल जाएगी।         db




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