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Friday, 8 November 2013

दिल्ली में सरकारी भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से ठगी

** टीचर और अन्य पदों की करीब 23,625 रिक्तियां भरने के लिए मांगे गए थे आवेदन
** शुल्क के रूप में वसूले जा रहे हैं 150 से 300 रुपए 
सोनीपत : दिल्ली में टीचर और अन्य पदों के आवेदन के नाम पर फीस के रूप में युवकों से ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 नवंबर बताकर आवेदन ऑनलाइन लिया जा रहा है। 
खाली पद दिखाकर आवेदन लेने की प्रक्रिया उस समय शुरू की गई, जब दिल्ली में चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में आवेदन करने के बाद जब कुछ युवकों ने जांच की तो इस धोखाधड़ी का पता चला। ठग गिरोह ने शिक्षा विभाग में 23,625 पदों को रिक्त दिखाया है। इनमें पीजीटी, टीजीटी, लाइब्रेरियन, कोऑर्डिनेटर, क्लर्क और चपरासी पद को शामिल किया गया है। प्रत्येक पद का सरकारी ग्रेड के अनुसार वेतन भी निर्धारित किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में भर्ती को देखकर बेरोजगार युवकों को रोजगार पाने की उम्मीद नजर आई और उन्होंने ऑनलाइन आवेदन करना शुरू कर दिया। 
सामान्य वर्ग के उम्मीदवार से 300 और आरक्षित वर्ग के आवेदक को 150 रुपए फीस ड्राफ्ट के रूप में संगठन के दिल्ली स्थित कार्यालय में भेजनी है। आवेदक प्रवीन का कहना है कि उसने वेबसाइट पर पदों को देखकर आवेदन करने का निर्णय लिया था। आवेदन करने के बाद जब उसने जांच-पड़ताल की तो पता चला कि दिल्ली में टीचर्स की ऐसी कोई भर्ती नहीं निकली है। वहीं चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। जबकि वेबसाइट पर लिखित परीक्षा की तिथि 19 जनवरी 2014 दी गई थी। उधर पुलिस का कहना है कि यदि इस मामले में शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।अच्छा वेतन का झांसा दे फंसाते हैं 
संगठन ने बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फांसने के लिए पीजीटी पोस्ट के लिए एमए व बीएड और टीजीटी के लिए बीए व बीएड होना अनिवार्य किया है। जबकि इस पोस्ट के लिए सरकार द्वारा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) अनिवार्य किया गया है। लेकिन संगठन द्वारा ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई है। पीजीटी विभिन्न विषयों में नियुक्त किए जाएंगे, जिसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। इन दोनों पदों के लिए पदों की संख्या करीब 11534 है। 
टीचर के लिए नहीं है टेट 
सरकारी नौकरी के लिए आवेदन मांग कर फीस के रूप में ठगी करने के मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके हैं। गिरोह के सदस्य सरकारी एजेंसियों से मिलते-जुलते नाम से वेबसाइट तैयार कराई जाती है। इसे गूगल सर्च इंजन से लिंक दे दिया जाता है। कोई भी युवक जब नौकरी की तलाश करने के लिए गूगल पर सर्च करता है तो उनकी वेबसाइट निकलकर आती है। पदों की संख्या और सरकारी पे-स्केल देखकर युवा उत्साहित हो जाते हैं और आवेदन कर ठगी का शिकार बनते हैं। ये गिरोह कभी क्लर्क तो कभी तकनीकी पदों की रिक्तियां दिखाकर लोगों से आवेदन फीस ले लेते हैं।     db 




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