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Wednesday, 6 November 2013

स्कूल टाइम में कोचिंग लेना पड़ेगा भारी

** 75 प्रतिशत अटेंडेंस जरूरी
** सर्कुलर जारी कर स्कूलों को दिए सुधरने के निर्देश
** सीबीएसई विद्यार्थी को परीक्षा से बाहर करेगी तो वहीं स्कूल को डाउन ग्रेड भी दिया जाएगा, टीम नियुक्त
सोनीपत : इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए कोचिंग जाने वाले स्टूडेंट्स पर सीबीएसई शिकंजा कसने जा रही है। सीबीएसई ने इसके लिए स्कूलों में चैकिंग करने को एक टीम बनाई है। इस टीम को स्कूलों में 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स की अटैंडेंस चैक करने के लिए नियुक्त किया गया है।
इस चैकिंग टीम में सीबीएसई से जुड़े टीचर्स रहेंगे। इसमें बिना कारण गैरहाजिर रहने वाले स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम में बैठने से रोका जा सकता है। साथ ही स्कूल इसकी सही वजह नहीं बता सका तो उस स्कूल को डाउन ग्रेड भी किया जा सकता है। यानी स्कूल 12वीं तक है तो उसे 10वीं तक किया जा सकता है। इसके अलावा स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। जिले में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या 50 से अधिक है।
स्कूलों की शह पर विद्यार्थी करते हैं बंक : 
सीबीएसई के अधिकारियों को शिकायत मिल रही, उसके मुताबिक जांच भी की गई। शुरुआती में पता लगा है कि विद्यार्थी स्कूल प्रबंधन की शह पर ही ऐसा करते हैं, चूंकि प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने पर स्कूल का भी नाम रोशन होगा, इसलिए वे विद्यार्थियों को कोचिंग के लिए भेज देते हैं।
ऐसे भारी पड़ सकती है गलती : 
स्कूल रिकॉर्ड में जहां विद्यार्थी की उपस्थिति चल रही है और दिल्ली, राजस्थान अथवा किसी अन्य जगह पर कोचिंग के दौरान अगर विद्यार्थी को कुछ हो जाता है तो विद्यार्थी के साथ स्कूल पर भी गाज गिरनी तय है, क्योंकि यह सब स्कूल प्रबंधन की शह पर हुआ माना जाएगा। सीबीएसई ने इस सख्ती की शुरुआत दिल्ली में कर भी दी है। इसके तहत 12 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें तीन स्कूलों को तो 12वीं से दसवीं तक भी किया गया है। अगर बाकी भी सुधरे नहीं तो उन्हें भी सबक सिखाया जाएगा।
"सीबीएसई ने स्पष्ट निर्देश हैं कि 75 प्रतिशत अटैंडेंस होना जरूरी है। पिछले कुछ समय से बोर्ड को लगातार स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या कम होने की शिकायतें मिल रही है। ऐसी शिकायतों को देखते हुए बोर्ड ने सरप्राइज चैकिंग के संबंध में सर्कुलर जारी किया है। उम्मीद है स्थिति में सुधार होगा।'' --वीके मित्तल, अध्यक्ष, सहोदय, सोनीपत।
यह होता है नुकसान
सीबीएसई को लगातार शिकायत मिल रही है कि कुछ स्टूडेंट्स के रेगुलर क्लास अटैंड नहीं करते। स्टूडेंट्स मेडिकल, सीए या इंजीनियरिंग एंट्रेंस तैयारी के लिए स्कूल समय में कोचिंग क्लास लेते हैं। इसका असर यह हो रहा था कि क्लास 10वीं व 12वीं के रिजल्ट में गिरावट आ रही है। यही नहीं कोचिंग इंस्टीट्यूट को प्रमोट करने संबंधी शिकायत आ रही थी। एक सेमेस्टर के बाद तो स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम हो जाती है। इसे देखते हुए बोर्ड ने सरप्राइज चेकिंग के लिए स्पेशल इंस्पेक्शन टीम बनाई है। सीबीएसई ने सरप्राइज इंस्पेक्शन के संबंध में सभी सीबीएसई स्कूलों को सर्कुलर भेज दिए हैं। टीम स्कूल में औचक निरीक्षण करेगी, इस टीम को यदि 10वीं व 12वीं में स्टूडेंट्स की संख्या कम मिली तो स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा जाएगा।     db




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