हिसार : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हिंदी अध्यापकों का वजूद खतरे में पड़ता दिख रहा है। शिक्षा विभाग मौलिक स्कूलों में हिंदी अध्यापकों की जगह संस्कृत अध्यापकों को नियुक्ति करने की तैयारियां कर रहा है। जिन स्कूलों की कक्षाओं में सेक्शन एक-एक है, वहां संस्कृत अध्यापकों की भर्ती की जाएगी। ये ही अध्यापक शिष्यों को संस्कृत के साथ हिंदी ज्ञान देंगे। ऐसे में अब हिन्दी अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी ने इन अध्यापकों के हक के लिए जल्दी ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलने का निर्णय लिया है। इस संबंध में रविवार को हिंदी अध्यापक संघ की जिलास्तरीय बैठक का आयोजन जिन्दल पार्क में वरिष्ठ हिन्दी अध्यापक योगेन्द्र प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। 1 बैठक में हिन्दी अध्यापकों की वर्तमान स्थिति व समस्याओं पर विचार किया गया। प्रदेशाध्यक्ष सुशील सोनी ने बताया कि हिन्दी भाषी प्रदेश होने के बावजूद सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक हिन्दी अध्यापक का पद स्वीकृत नहीं हैं। जिसके कारण भाषा अध्यापकों में भारी रोष है। ऐसे में सरकार को छठी से आठवीं कक्षा के अध्यापन हेतु हिन्दी अध्यापक का पद तुरंत प्रभाव से सृजित करना चाहिए।
वरिष्ठता सूची बनाई जाए
अध्यापक डॉ. धर्मवीर सिंह ने हिन्दी अध्यापकों की जिला एवं राज्यस्तर पर वरिष्ठता सूची बनाने की मांग करते हुए कहा कि हिन्दी अध्यापकों की वरिष्ठता सूची उपलब्ध नहीं है। इस कारण पदोन्नति में अधिकारी अपनी मनमर्जी से अध्यापकों को पदोन्नत कर देते हैं जो कि मिडिल मुख्याध्यापक की पदोन्नति के मामले में है।
निदेशक से मिलेंगे
बैठक में मौजूद अध्यापक सुशील सोनी ने कहा कि इस मामले में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी एवं निदेशक से मिलकर इस समस्या का समाधान करने के लिए समस्या से अवगत करवाया जाएगा।
2 फरवरी को चुनाव
बैठक में उपस्थित हिंदी अध्यापकों ने भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि आगामी 2 फरवरी को जिंदल पार्क हिसार में जिला कार्यकारिणी का चुनाव करवाया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए जिला के सभी हिंदी अध्यापकों को आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में रणबीर सिंह, राजेंद्र सिंह, जितेंद्र, नरेश कुमार, अशोक कुमार, विजय चावला, योगेंद्र प्रसाद, रामअवतार, मदनलाल, सुशीला शर्मा, आशा शर्मा, राजबाला व वीरभान सहित अन्य हिंदी अध्यापक व अध्यापिकाएं मौजूद रहे
पुरजोर विरोध होगा
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश वित्त सचिव आर्य संजय का कहना है कि आरटीई नियमानुसार स्कूलों में प्रत्येक भाषा का अध्यापक होना चाहिए। ऐसे में अगर हिंदी अध्यापकों की बजाए संस्कृत अध्यापकों को हिंदी पढ़ाने की कमान सौंपी गई तो इसका एसोसिएशन पुरजोर विरोध करेगी। dj
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