फतेहाबाद : इनेलो सरकार में भर्ती हुए शिक्षक हाईकोर्ट के फैसले के बाद से दुविधा में हैं। एक तरफ सरकार से सहयोग की अपील कर रहे हैं। दूसरी तरफ खुद के स्तर पर चंदा भी एकत्र कर रहे हैं। अपील ये है कि सरकार उनकी तरफ से कोर्ट में याचिका दायर करे। वहीं डर है कि कहीं सरकार के भरोसे कमजोर न पड़ जाएं। इसलिए खुद के दम पर केस लड़ने की रणनीति भी बना रहे हैं। बहरहाल स्थिति ये है कि दौराहे पर खड़े हैं और पीटीआई भर्ती का इतिहास पढ़कर सुना रहे हैं। सरकार को उस केस का हवाला देकर पैरवी का आग्रह कर रहे हैं, जिसमें सरकार पीटीआई भर्ती में शिक्षकों की तरफ से केस लड़ रही है। शनिवार शाम को भी इसी मसले पर शिक्षकों की मीटिंग हुई थी। शिक्षक डबल बेंच में याचिका लगाने की रणनीति बना रहे हैं। प्रति शिक्षक से 5 हजार रुपये चंदा उगाही की भी निर्णय लिया। दरअसल, अगली कोर्ट में जाने के लिए उनके पास महीने भर का वक्त है। इसलिए खुद केस लड़ने के लिए चंदा भी एकत्र करना शुरू कर दिया है। वहीं सरकार से भी अपील करेंगे कि वह उनकी तरफ से कोर्ट में याचिका लगाए। इसके लिए सोमवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का फैसला लिया है।
राजनीतिक खेल में उलङो शिक्षक
जेबीटी शिक्षक सरकार से सहयोग चाहते हैं, लेकिन भरोसा नहीं करना चाहते। प्रभावित हुए शिक्षक सुखदेव, राजेश पेटवाड़, राजेंद्र, संदीप वर्मा, राजेंद्र और सिकंदर का कहना है कि सरकार राजनैतिक द्वेष के चलते उनके पक्ष में नहीं आना चाहती। चूंकि इन शिक्षकों की भर्ती इनेलो सरकार ने की थी। इसलिए शिक्षकों का कहना है कि कांग्रेस सरकार नहीं चाहती कि उनकी नौकरी सलामत रहे। मगर दूसरी तरफ उन्होंने सरकार को चेताया भी है। कहा कि अगर सरकार ने कोई ठोस कदम न उठाया तो वे अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेंगे। dj
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