कुरुक्षेत्र : जिस तरह फिल्म फटा पोस्टर निकला हीरो में पोस्टर फटने के बाद शाहिद कपूर मिले थे, उसी तरह केयू में साल के पहले दिन एसएफआई ने एक पोस्टर जारी कर केयू कारनामों के बारे में बताया है। पोस्टर केयू में चर्चा का विषय बन गया। छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बुधवार को केयू प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए अब तक फैसलों पर उक्त पोस्टर जारी किया। यूनिवर्सिटी संयोजक अमन सैनी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में फीस के नाम पर विद्यार्थियों को लूटा गया है। इसके खिलाफ विद्यार्थियों में रोष है। पोस्टर जारी करने के मौके पर पवन, मनदीप, रोबिन और भाल सिंह मौजूद थे।
ये किया पोस्टर में शामिल :
पोस्टर में एसएफआई ने सबसे पहले केयू प्रशासन द्वारा परीक्षाओं के बीच में विभिन्न तरह की फीस में वृद्धि करने की जानकारी दी। छात्रों पर हजारों रुपए जुर्माना लगाकर और मर्सी चांस की फीस को 10 हजार रुपए करने को नया साल के तोहफे के तौर पर दर्शाया। दूसरे नंबर पर हॉस्टल मेस के अंदर खाना सस्ता करने और क्वालिटी को सुधारने के नाम पर मेस डाइट रेट और मेस सर्वेंट चार्ज को बढ़ाने पर सवाल उठाए। पोस्टर में तीसरा नंबर व्यंग्य कसा है कि गल्र्स हॉस्टल वार्डन के घरों पर मेस का सामान प्रयोग करने और मेस वर्करों से घर पर काम कराने को लेकर प्रशासन ने वार्डन को पद से हटाने और जांच न करके कैसे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। पोस्टर में चौथे स्थान पर सर्दी में पूरी रात एक छात्रा को वीसी कार्यालय पर बैठने के बाद भी एमफिल में एडमिशन नहीं मिलने और गल्र्स हॉस्टल से बिना कारण 28 छात्राओं को हॉस्टल दाखिले पर बैन करने के मामले में कैसे केयू ने महिला सशक्तिकरण को मजबूत किया है। पांचवे नंबर पर नौकरी में पारदर्शिता का सबूत देने के लिए शैक्षणिक योग्यता में टॉपर उम्मीदवारों को इंटरव्यू में कम अंक देकर बाहर करके दिया है। छठे नंबर पर केयू प्रशासन के बिना स्थाई शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती किए बगैर सेमेस्टर सिस्टम को लागू करने पर चुटकी ली है। जिसमें कहा गया है कि इस सत्र में दो लाख से ज्यादा छात्रों की रि-अपीयर आई है। db
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