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Saturday, 29 March 2014

कमियां दूर करें, मान्यता बाद में

** लॉ विभाग की मान्यता का मामला 
** बीसीआई की इंस्पेक्शन टीम ने किया विश्वविद्यालय का दौरा, शपथ पत्र मांगा   
** 2009 में निरीक्षण कर मान्यता रद्द कर दी थी
सिरसा : पांच साल बाद बार कौंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के लॉ विभाग का निरीक्षण किया। टीम सबसे पहले लॉ विभाग की लाइब्रेरी में पहुंची। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य राजेंद्र राणा ने कहा कि लाइब्रेरी में किताबों की संख्या कम है। तब एचओडी डॉ. जे एस जाखड ने कहा कि आधी से ज्यादा स्टूडेंट्स ने इश्यू करवाई हुई हैं। राणा ने कहा कि पांच वर्ष की किताबों की रसीद दिखाओ। स्टॉफ मेंबर ने रसीद दिखाई। एचओडी जे एस जाखड़ ने कहा कि काफी किताबें केंद्रीय लाइब्रेरी में भी रखी गई हैं। इस पर राजेंद्र राणा और सदस्य रमेश चंद्र राणा ने कहा कि केंद्रीय लाइब्रेरी से कुछ भी लेना देना नहीं है। पुस्तकों की संख्या देखकर फिर कहा कि किताबें कम हैं। इसके बाद टीम ने जनर्ल का रिकॉर्ड पूछा, जिस पर संतुष्ट दिखाई दिए। टीम इसके बाद मूट कोर्ट की ओर चल दी। मूट कोर्ट ग्राउंड फ्लोर पर ही था। इंस्पेक्शन के बाद टीम ने कहा कि यह भी ऊपरी फ्लोर पर ही होना चाहिए। क्योंकि लॉ विभाग ऊपरी फ्लोर पर है। कक्षाएं एक ही जगह पर हैं। कमरों की संख्या बढ़ाने के लिए भी शपथ पत्र मांगा। इंस्पेक्शन टीम कंप्यूटर लैब में पहुंची। कंप्यूटरों की संख्या भी कम ही बताई। 
"टीम की इंस्पेक्शन बढिय़ा है। किताबों की संख्या कम नहीं है। एक एक स्टूडेंट्स ने चार चार किताबें इश्यू करवाई हुई हैं। कंप्यूटर भी पर्याप्त हैं। हमें उम्मीद है कि अबकी बार लॉ विभाग को अस्थाई मान्यता मिल जाएगी।"--डॉ. जे एस जाखड, एचओडी लॉ विभाग। 
लीगल एजुकेशन कमेटी को रिपोर्ट देगी इंस्पेक्शन टीम 
बार कौंसिल ऑफ इंडिया के मैंबर एडवोकेट राजेंद्र राणा और रमेशचंद्र शाह, पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट की बार कौंसिल के प्रधान रणधीर सिंह और राजीव कासवान टीम में शामिल थे। टीम अब अपनी रिपोर्ट बार कौंसिल ऑफ इंडिया की लीगल एजुकेशन कमेटी को भेजेगी। तत्पश्चात ही लॉ विभाग को मान्यता मिलेगी या नहीं, इसका फैसला होगा। 
ये है मामला 
2004 में बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने पांच साल के लिए लॉ विभाग को अस्थाई मान्यता दी थी। ताकि सीडीएलयू अपने नियमों को पूरा कर सके। नियमों को पूरा न करने पर कौंसिल ने 2009 में निरीक्षण कर मान्यता रद्द कर दी और विश्वविद्यालय को एडमिशन न देने का आदेश दिया। लेकिन विश्वविद्यालय ने छात्रों को एडमिशन जारी रखा। तब से अब तक लगभग 640 छात्रों को एडमिशन दिया जा चुका। सात मार्च को लॉ विभाग के छात्रों ने मान्यता के लिए कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। छात्रों और फैकल्टी में कक्षाओं को लेकर गहमागहमी भी हुई। छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान दो छात्रों का स्वास्थ्य भी बिगड़ा। एचओडी डॉ. जे एस जाखड़ के आश्वासन के बाद छात्रों ने प्रदर्शन खत्म किया।                                                             db 

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