कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विद्यार्थी फार्म भरते हैं, फीस भी देते हैं और जब रोलनंबर लेने के लिए आते हैं तो उनका फार्म ही परीक्षा शाखा में नहीं मिलता। इससे कई बार तो विद्यार्थी हैरान होते हैं, लेकिन उसके बाद दोबारा डुप्लीकेट फार्म भरने और फीस का प्रूफ देने के बाद नया रोलनंबर लगा कर जारी कर दिया जाता है। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में फार्म जाते कहां और इनके खोने के लिए आखिर जिम्मेवार कौन है?
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को नैक से ए ग्रेड का दर्जा प्राप्त है, लेकिन परीक्षा शाखा की सेवाएं और कर्मचारियों की कार्यशैली कतई इसके लायक नजर नहीं आती। कुवि में प्राइवेट परीक्षा देने के लिए हजारों की संख्या में विद्यार्थी परीक्षा देते हैं।
ये सभी विद्यार्थी फार्म भी समय पर या फिर लेट फीस के साथ भरते हैं। इसके साथ फीस भी जमा कराते हैं, लेकिन परीक्षा से ठीक पहले परीक्षा शाखा द्वारा रोलनंबर न देने पर इनमें से सैकड़ों विद्यार्थियों को रोलनंबर लेने के लिए कुवि परिसर स्थित कार्यालयों में ही आने पर मजबूर होना पड़ता है। यहां कर्मचारी के पास पहुंचने पर पता चलता है कि उन्होंने फार्म ही नहीं भरा। फिर शुरू होती है इनकी दिक्कत।
कुवि भी मानता इस कमी को
स्वयं कुवि प्रशासन भी इस कमी को स्वीकार करता है तभी तो परीक्षा से ठीक पहले दो दिन का समय देकर विद्यार्थियों को रोलनंबर ले जाने की हिदायत दी जाती है। जबकि जिनका फार्म नहीं मिलता उनको तुरंत नया रोलनंबर लगा कर भी दिया जाता है। बस दिक्कत आती है तो दूर का केंद्र देने में। ऐसे विद्यार्थियों को कुरुक्षेत्र के आसपास के केंद्र देने की कोशिश की जाती है। कुवि कुलसचिव डॉ. केसी रल्हाण का कहना है कि अभी इस प्रकार का कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। आता है तो वह मामले की जांच जरूर कराएंगे। dj
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