सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा सेतु कार्ड दिए जा रहे हैं। इसमें विद्यार्थी का सारा विवरण लिखा हुआ है। इसके साथ एक पत्र भी दिया जा रहा है। इसमें असंख्य त्रुटियां हैं। यह पत्र विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों को देना है। विद्यालय शिक्षा विभाग हरियाणा की प्रधान सचिव एवं वित्तायुक्त सुरीना राजन ने इस पत्र हस्ताक्षर भी किए हुए हैं।
सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। 23 से 26 मार्च तक पहली से दूसरी, सातवीं से 12 कक्षा के बच्चों का प्रवेश उत्सव मनाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को शिक्षा सेतु कार्ड दिया गया। इस कार्ड के साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों को एक पत्र भी दिया गया है। यह पत्र प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापकों को अभिभावकों में वितरित करना है। सरकारी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की संख्या ज्यादा से ज्यादा किस तरह बढ़ाई जाए। इस पर जोर दिया गया है, ताकि वे पढ़-लिखकर मुख्यधारा से जुड़ जाएं।
गलती की जिम्मेदारी नहीं, पत्र बंटवाने की थी
जिला शिक्षा अधिकारी कैथल दयानंद अंतिल का कहना है कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में यह पत्र बांटे हैं। ऊपर से ही छप आए हैं। गलतियों की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। उनकी जिम्मेदारी स्कूलों में बंटवाने की थी। सभी स्कूलों में बंटवा दिए हैं।
पत्र में सुनिश्चित पांच जगह गलत
पत्र की दूसरी लाइन में सुनिश्चित की जगह सुनिश्चित लिखा गया है। संदर्भ की जगह संदंर्भ, पहुंचने की जगह पॅहचने, आशंकाएं की जगह आंशकाएॅ, सुनिश्चित पत्र में पांच जगह गलत लिखा हुआ है। पत्र तैयार होने के बाद कई हाथों से निकलता है। हर विषय के ज्ञाता रखे हुए हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग के पत्रों में इतनी गलती हो रही है। विद्यालय शिक्षा विभाग हरियाणा की प्रधानसचिव एवं वित्तायुक्त सुरीना राजन ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हुए हैं। उन्होंने भी इन गलितों की तरफ ध्यान नहीं दिया। शिक्षा विभाग के एक पत्र में ही इतनी गलतियां हैं तो बच्चों को क्या शिक्षा दी जाती है। इसका अंदाजा पत्र की भाषा से लगाया जा सकता है। जबकि शिक्षा विभाग में सभी भाषाओं के ज्ञाता रखे हुए हैं। बावजूद इसके इतनी गलतियां हो रही हैं। dbktl
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