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Friday, 28 March 2014

राजकीय गर्ल्स प्राइमरी स्कूल उसी भवन के प्राथमिक स्कूलों में हुए मर्ज

** ब्वॉयज स्कूल के हेड टीचर रखे गए सीनियर, लड़के और लड़कियां इक्ट्ठे करेंगे पढ़ाई
डबवाली : शिक्षा विभाग के एक ही भवन में अलग से चल रहे राजकीय गल्र्स प्राइमरी स्कूल उसी प्रांगण के प्राइमरी स्कूल में मर्ज हो गए हैं। इसके लिए विभाग ने प्रवेश उत्सव पर दोनों स्कूलों की बजाय एक ही एसएमसी बनाई है। स्टाफ का हाजिरी रजिस्टर भी एक कर दिया है। लेकिन स्कूलों में अभी स्टाफ सरप्लस नहीं हुए है। जिससे एक ही प्राइमरी स्कूल में दोनों स्कूलों के हैड टीचर ड्यूटी दे रहे हैं। सरकार ने पिछले साल योजना बनाई थी कि राजकीय गल्र्स प्राथमिक स्कूलों को नए सत्र से मर्ज कर दिया जाएगा। 
ब्वॉयज स्कूल और हेड टीचर को अहमियत 
बेटियों के प्रति व्यवस्था बनाने के लिए कैसी तवज्जो। इसके लिए भी स्कूल उदाहरण बन गए हैं। शिक्षा विभाग ने गर्ल्स स्कूलों को बॉयज स्कूलों में मर्ज किया है। मर्ज होने के बाद बॉयज स्कूल के हेड टीचर ही सीनियर रखे गए हैं। शहर के राजकीय सीनियर सेकंडरी ब्वॉयज स्कूल में स्थित राजकीय गल्र्स स्कूल की हेड टीचर कमलेश रानी व राजकीय प्राथमिक स्कूल की हैड टीचर सरोज रानी दोनों ड्यूटी कर रही हैं।इसी प्रकार गांव अहमदपुर दारेवाला के हैड टीचर प्रभुदयाल व गर्ल्स स्कूल के हेड टीचर रायसिंह कार्यरत हैं।वहीं दूसरे स्कूलों में हैड टीचर कार्य कर रहे हैं। इसको लेकर चुनाव आचार संहिता के कारण ट्रांसफर होने की आशंका भी नहीं है। लेकिन अप्रैल से हैड टीचर के पद सरप्लस हो सकते हैं। 
खंड में दस स्कूलों को मर्ज कर बनाए पांच 
खंड के तहत राजकीय बॉयज सीनियर सेकंडरी स्कूल में राजकीय प्राथमिक स्कूल में इसी भवन में चल रहे राजकीय गर्ल्स  प्राथमिक स्कूल को मर्ज कर लिया है। इसी प्रकार गांव डबवाली में सिटी थाना के पास स्थित प्राथमिक स्कूल में यहां के राजकीय गल्र्स प्राथमिक स्कूल को मर्ज कर लिया है। वहीं गांव अहमदपुर दारेवाला, गंगा व मांगेआना में स्कूलों को मर्ज कर राजकीय प्राथमिक स्कूल में विद्यार्थियों का दाखिला कर लिया गया है। सभी स्कूलों में 10 हेड टीचर थे, जो अभी यहीं तैनात हैं।लेकिन अप्रैल से उनकी पोस्ट सरप्लस होने की उम्मीद है। जिसके बाद खाली पड़े हेड टीचर के पदों पर उनका ट्रांसफर किया जाएगा। 023 मार्च को हुए प्रवेश उत्सव के दिन 10 स्कूलों में लड़के व लड़कियों के लिए एक ही रजिस्ट्रर लगाकर उनका दाखिले किए गए हैं। साथ ही 10 की बजाय 5 ही एसएमसी का गठन किया है। इसी प्रकार स्टाफ का हाजिरी रजिस्टर एक ही लगाया गया है। पहले ये दोनों स्कूलों का अलग था। 
86 से हुए 81 प्राइमरी स्कूल 
खंड में 13 राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल, 16 हाई स्कूल व 24 मिडल स्कूलों के साथ 86 प्राइमरी स्कूल थे। जिनमें अब प्राइमरी स्कूल 5 कम होने से 81 हो गए हैं। वर्ष 2013 14 में सभी प्राइमरी स्कूलों में करीब 13 हजार विद्यार्थी थे। जिसमें छात्राओं की संख्या अधिक थी। इसी प्रकार मिडल में 2500, हाई व सीनियर सेकंडरी स्कूलों में 6500 विद्यार्थी थे। 
"विभागीय निर्देशानुसार एक भवन में चलने वाले प्राइमरी स्कूलों में गर्ल्स स्कूल की छात्रों व स्टाफ को एक कर एसएमसी का पुनर्गठन कर दिया है। स्टाफ सरप्लस होने के बारे में कोई पत्र नहीं मिला है।"--संतकुमार बिश्नोई, बीईओ 
"राजकीय गर्ल्स प्राइमरी स्कूल की छात्राओं का राजकीय प्राइमरी स्कूल में दाखिला ले लिया है। अब एक ही एसएमसी बनाई है। स्कूल एक हो गया है। दोनों स्कूलों का स्टाफ अभी यहीं ड्यूटी दे रहा है।"--प्रभुदयाल, हेड टीचर, राजकीय प्राइमरी स्कूल, अहमदपुर दारेवाला 
बेटियों के नाम पर हों स्कूल 
"प्रदेशभर में शिक्षा विभाग के मर्ज किए गए स्कूलों को मर्ज करना तो ठीक है। लेकिन उनका नाम कल्पना चावला, झांसी की रानी, जैसी प्रसिद्ध बेटियों के नाम रखा जाना चाहिए। इसके लिए संबंधित पंचायतें भी प्रस्ताव पास कर सरकार और शिक्षा विभाग को भेजे।"--रणजीत सिंह सांवतखेड़ा, सरपंच                                     db


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