नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकारी कामकाज के लिए नई नेशनल ई-मेल नीति तैयार कर ली है। इस नई नीति के तहत सरकारी कामकाज के आदान- प्रदान के लिए अब सरकारी कर्मचारी नई ई-मेल का ही प्रयोग करेंगे। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दायर कर यह जानकारी दी है।
कार्यकारी न्यायाधीश बीडी. अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ के समक्ष सूचना एवं टेक्नोलाजी विभाग ने शपथपत्र में कहा है कि सरकारी कामकाज में अब नई ई-मेल नीति के तहत ही कामकाज होगा।
सभी सरकारी कर्मचारियों को ई-मेल खाते प्रदान किए जाएंगें और सभी को इसी के तहत सरकारी कामकाज करना अनिवार्य होगा। अन्य प्रकार की मेल का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
खंडपीठ केएन. गोविन्दाचार्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है। गोविंदाचार्य का आरोप है कि सरकार गूगल व जी-मेल का इस्तेमाल करने वाले 15 करोड़ इंटरनेट यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा केलिए समुचित कदम नहीं उठा रही है।
व्हाइट हाउस ने भी सरकारी कामकाज में प्राइवेट मेल पर प्रतिबंध लगा रखा है
अमेरिका में इंटरनेट कंपनियों के माध्यम से विश्व व्यापी जासूसी के खुलासे के बाद याचिका में उठाए गए बिन्दु बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। विभाग ने शपथपत्र में कहा कि इस प्रकार की प्रक्रिया यूके, सिंगापुर, नीदरलैंड, जर्मनी, स्वीडन, यूएई, अमेरीका में अपनाई जा रही है। व्हाइट हाउस ने सरकारी कामकाज में प्राइवेट मेल पर प्रतिबंध लगा रखा है। नीति पर संबंधित अथॉरिटी विचार कर रही है। याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी। au
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