.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Thursday, 27 March 2014

जिला शिक्षा अधिकारी ने अभिभावको को दिया दो टूक जवाब

** क्यों नहीं अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते, वहां तो फीस तक नहीं ली जाती
अम्बाला सिटी : सेंट जोसफ स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अभिभावकों को राहत नहीं मिली है। समझौते की शर्तों का उल्ल्घंन लगा रहे इन अभिभावकों ने बुधवार को शिक्षा अधिकारी से भी मुलाकात की। अधिकारी ने दो टूक शब्दों में अभिभावकों को कहा कि जरूरी आपको अपने बच्चे उस स्कूल में पढ़ाने हैं। आप सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं अपने बच्चों को दाखिल करवाते। 
वहां तो पढ़ाई पर कोई खर्च नहीं आएगा। जवाब सुनते ही अभिभावक सन्न रह गए। फिलहाल शिक्षा अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन का तलब करने का आश्वासन दिया है। बुधवार को आधा दर्जन से अभिभावक एकजुट होकर शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। मुलाकात के दौरान अभिभावकों ने सेंट जोसफ स्कूल प्रबंधन पर नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया। अभिभावक पंकज मलिक, परी मल्होत्रा, सुधीर व राजन कक्कड़ ने बताया कि उनके विरोध पर तत्कालीन डीसी ने उनके व स्कूल प्रबंधन के बीच समझौता करवाया था। उनकी ज्यादातर मांगें मान ली गई थी। इनका आरोप है कि प्रबंधन अब फिर समझौते की खुलेआम उल्लंघना कर रहा है। अभिभावकों ने बताया कि अब भी पहली कक्षा की किताबों के लिए 2700 रुपए वसूले जा रहे हैं। इसी तरह 9वीं कक्षा की किताबों के लिए 4500 रुपए निर्धारित किए गए हैं। अभिभावकों का यह भी आरोप है कि नाजायज ढंग से फंड लिए जा रहे हैं। साथ ही उच्च न्यायालय के फैसले को भी ताक पर रखा जा रहा है।  
नहीं हटेंगे पीछे 
अभिभावकों ने लड़ाई लडऩे का ऐलान किया
अभिभावकों ने ऐलान किया कि अगर अब भी स्कूल प्रबंधन ने लूट बंद न की तो वे जायज हक के लिए लड़ाई लडऩे से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि प्रबंधन जानबूझकर उनका शोषण कर रहा है। ज्यादातर अभिभावकों ने बताया कि महंगाई के दौर में वे बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पर मनमाने फंडों का भुगतान अब उनके बस में नहीं है। उन्होंने बताया कि जरूरत पडऩे पर वे कोई भी रास्ता अपना सकते हैं।                                                      db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.