कैथल : सरकारी स्कूलों में प्रदेश सरकार जितनी ज्यादा सुविधा दे रही है, बच्चों की संख्या उतनी की कम हो रही है। रविवार को जिला के सभी प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया गया। पहली से तीसरी तक के बच्चों का परीक्षा परिणाम भी घोषित किया गया।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दावा किया था कि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर हर बच्चे शिक्षा सेतु कार्ड दिए जाएंगे, लेकिन स्कूलों में शिक्षा सेतु कार्ड नहीं दिया गया। अध्यापकों ने रजिस्टर पर तैयार किए गए रिजल्ट को बच्चों को बताया। इस कार्ड पर बच्चे के सभी विषयों के नंबर, कक्षा में कौनसी पॉजिशन है, इसका पूरा विवरण देना था। सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं। शिक्षा विभाग आए दिन बड़े-बड़े विज्ञापन भी प्रकाशित कर रहा है, लेकिन इम्प्लीमेंट कुछ नहीं होता। पिछले वर्ष बच्चों को पुस्तकें ही नहीं मिली। इसी कारण सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। जिसका सीधा नुकसान गरीब बच्चों को हो रहा है। राजेश, श्याम सुंदर, योगेश व पवन आर्य ने बताया कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपने बच्चों को तो कॉन्वेंट स्कूलों में शिक्षा दिलवा रहे हैं और दूसरों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढऩे के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अध्यापकों को अपने ऊपर विश्वास नहीं है तो लोग उनके ऊपर कैसे विश्वास करेंगे। शिक्षा विभाग को भी इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
नए सत्र की दाखिला तिथि
पहली से दूसरी तक 24-26 मार्च
तीसरी से छठी 29-31 मार्च
सातवीं से बारहवीं 24-26 मार्च
"शिक्षा सेतू कार्ड 29 मार्च को आएंगे। रविवार को छोटी कक्षाओं के परीक्षा परिणाम निकाले गए हैं। बड़ी कक्षाओं के परीक्षा परिणाम के साथ सभी विद्यार्थियों को शिक्षा सेतू कार्ड दिए जाएंगे।"--जगदीश चंद्र, बीईओ कलायत
"प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सभी बच्चों को परीक्षा परिणाम घोषित होने पर रिपोर्ट कार्ड भी दिए जाने थे। लेकिन स्कूलों में रिपोर्ट कार्ड आए ही नहीं। इसलिए बच्चों को मौखिक ही परीक्षा परिणाम के बारे में बताया।"--चंद्रमोहन मोहन, मुख्याध्यापक db
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