सरकारी स्कूलों में सोमवार से ही कक्षाएं लगनी शुरू हो गई थी। पहले ही दिन विद्यार्थियों की संख्या कम रही। अब स्कूल लगते पांच दिन बीत गए, लेकिन किसी भी स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई। इसका मुख्य कारण स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों की संख्या कम होना है। टीम ने गुरुवार को राजकीय कन्या हाई स्कूल गिझी ,भैसरु ,दतौड़ ,अटायल, कसरेंटी सहित कई गांवों के प्राइमरी व मिडल स्कूलों का जायजा लिया। इन स्कूलों में सुबह दस बजे किसी में दस तो किसी में पंद्रह बच्चे खेलते नजर आए। आधे अवकाश के बाद वे भी स्कूल नहीं पहुंचे। जबकि शिक्षक टोली बनकार गप्पे हांकते देखे गए। क्लास लगाने के बारे में एक शिक्षक ने बताया कि अभी दो-चार बच्चे ही स्कूल में पहुंच रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई कैसे कराएं।
23 मार्च को था प्रवेश उत्सव
शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या को ध्यान में रखते हुए रविवार को प्रवेश उत्सव मनाया । इस मौके पर बच्चों का रजिस्टे्रशन किया गया और किताबें दी गई। शिक्षक अभी दस अप्रैल तक बच्चों के स्कूल आने का इंतजार करेंगे। अगर पहले से कम बच्चे स्कूल पहुंचे तो उनके घर पर जाकर जानकारी लेंगे और अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पे्ररित करेंगे।
स्कूल छोडऩे वालों को लाएंगे
"इस बार विशेष ध्यान उन बच्चों पर रहेगा, जो किसी कारणवश बीच में पढ़ाई छोड़कर घर बैठ गए। ऐसे बच्चों को स्कूल लाने के लिए शिक्षकों की टीम गांवों में जल्द पहुंचेगी। विशेष ध्यान लड़कियों पर रहेगा"--ब्रह्मप्रकाश राणा, खंड शिक्षा अधिकारी, सांपला dbrthk
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