हरियाणा शिक्षा बोर्ड के तीसरी कक्षा के मूल्यांकन पेपर ने शुक्रवार को बच्चों के पसीने छुड़ा दिए। बच्चों को जो प्रश्न पूछे गए वह उनके स्टैंडर्ड से ऊपर की कक्षा से थे। जिस वजह से बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मूल्यांकन का राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध करते हुए भद्दा मजाक बताया। तीसरी कक्षा के बच्चों के लिए मूल्यांकन के तहत इंग्लिश की परीक्षा कराई गई। परीक्षा 10 बजे शुरू हुई। और 11.30 बजे समाप्त हुई। लेकिन इस डेढ़ घंटे का भी वक्त बच्चे परीक्षा रूम में नहीं बिता सके। परीक्षा केंद्रों के स्टॉफ सूत्रों के अनुसार पेपर तो तीसरी के मूल्यांकन का था। लेकिन प्रश्नपत्र का लेवल पांचवीं का था। जबकि पांचवीं के मूल्यांकन में उनके स्तर से नीचे का पेपर बनाया गया था। लेकिन तीसरी कक्षा के मूल्यांकन के लिए तो हद ही कर दी। उनका लेवल इतना हाई रखा गया कि जिनके जवाब प्राइवेट स्कूल के बच्चे भी न दे पाएं। जबकि सरकारी स्कूल की तीसरी कक्षा में बच्चों को एबीसीडी से ज्यादा कुछ और नहीं आता है। फतेहपुर चंदीला प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल नीलम शर्मा ने बताया कि कुछ बच्चों से अच्छा रिस्पांस मिला। लेकिन अधिकतर ने पेपर को काफी कठिन बताया। उधर, इस पेपर के बाद राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रधान विनोद ठाकरान ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने शिक्षा विभाग पर जल्दबाजी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर विभाग बच्चों के सीखने के स्तर की जांच कर कोई प्रयोग करना चाहता है। तो इसके लिए पहले से ही माड्यूल तैयार कर लेना चाहिए। हालांकि वह इस मूल्यांकन का विरोध नहीं करता। लेकिन जल्दबाजी से इस मूल्यांकन का फायदा बच्चों को न मिलने का पुरजोर विरोध संघ करेगा। dbfrdbd
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.