शिक्षा सत्र के समापन पर आनन-फानन में शिक्षा विभाग द्वारा लाए गए तीसरी व पांचवीं के बच्चों के सीखने के स्तर के मूल्यांकन के कार्यक्रम का अध्यापक संघ ने विरोध किया है।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य अध्यक्ष वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद एवं फतेहाबाद जिला प्रधान रघुनाथ मेहता ने संयुक्त बयान में कहा कि जिस रूप में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है, उससे बच्चों में सीखने के स्तर की जांच कहीं नहीं लगती बल्कि यह केवल लाखों- करोड़ों रुपये के बजट को 31 मार्च से पहले इधर-उधर करने का खेल है और इसमें भ्रष्टाचार व एनजीओ भी शामिल हैं। भारती ने कहा कि विभाग ने इस स्तर के मूल्यांकन के लिए फील्ड इन्वेस्टीगेटर के रूप में बड़ी संख्या में प्राध्यापक लगाए हैं जोकि विभाग के राजपत्रित दर्जे में शामिल हैं। अब संघ को पता चला है कि कई जगह पर इनके ऊपर उडऩदस्तों में गैर राजपत्रित अध्यापकों को भी लगाया गया है जोकि प्रोटोकॉल का सरासर उल्लंघन है।
इसे अध्यापक संघ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। अध्यापक संघ के पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि विभाग कभी भी समय पर कोई तैयारी नहीं करता, अंतिम समय में सारा बोझ अध्यापकों पर डाल दिया जाता है। एक ओर तो 23 मार्च को रविवार के दिन प्रवेश उत्सव का कार्यक्रम रखा है वहीं दूसरी ओर जो शिक्षा सेतु के फार्म 22 मार्च तक भरने थे, वो अभी तक प्रकाशित होकर भी नहीं आए है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार यदि शिक्षा सेतु प्रोफार्मा व तीसरी और पांचवीं कक्षा का परिणाम 28 मार्च के बाद ही घोषित करना था तो 23 मार्च के प्रवेश उत्सव का क्या महत्व है। dbftbd
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