केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किताबों के बोझ से दबे विद्यार्थियों के लिए नीति में बदलाव किया है। इसके तहत उन्हें रोचक और सरल तरीके से पाठ्यक्रम की जानकारी दी जाएगी। उनमें किताबें पढ़ने की आदत भी डाली जाएगी। इस दौरान विद्यार्थियों का टेस्ट लिया जाएगा। इन्हीं टेस्ट के आधार पर वे खुद का ज्ञान भी परख सकेंगे और परीक्षा की तैयारी भी अच्छे से कर सकेंगे।नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम के अलावा साल में दो और टेस्ट देने होंगे, जो असेसमेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिसनिंग स्किल (एएसएल) व ओपन टेस्ट वेस्ट असेसमेंट (ओटीवीए) हैं। इस संबंध में सीबीएसई की ओर से स्कूलों को पत्र भेजकर निर्देश दिए गए हैं। इससे पूर्व यह टेस्ट दूसरे देशों में लिए जाते थे।
पहली बार देश के सीबीएसई स्कूलों के विद्यार्थी इस प्रकार के टेस्ट से गुजरेंगे। पहले चरण में कक्षा नौवीं व 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का टेस्ट लिया जाएगा।
दस और बीस नंबर का टेस्ट
एएसएल टेस्ट में नौवीं कक्षा के लिए 20 और 11वीं कक्षा के लिए 10 अंक रखे गए हैं। इसी प्रकार हर विषय में ओटीवीए टेस्ट दस नंबर का होगा। इतना ही नहीं, यह टेस्ट फाइनल परीक्षा के साथ होंगे। इसके लिए परीक्षा के निर्धारित समय से तीस मिनट का अधिक समय दिया जाएगा। इस टेस्ट में छात्रों द्वारा विषय का ज्ञान ग्रहण करने और उसके जवाब देने की तीव्रता के हिसाब से अंक निर्धारित किए जाएंगे।
"केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की नई शिक्षा नीति एएसएल व ओटीवीए से विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास होना लाजिमी है। उन्हें सरल तरीके से ज्ञान देने और उनमें किताबें पढ़ने की आदत डालने के उद्देश्य से टेस्ट शुरू किए गए हैं। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। स्कूलों में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है"--राजेंद्र सचदेवा, प्राचार्य, डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल। dj
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