चंडीगढ़ : हरियाणा में शिक्षा विभाग के प्रवेश उत्सव अभियान के तहत किए जाने वाले शत-प्रतिशत दाखिलों पर सवाल उठने लगे हैं। 23 मार्च से सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रवेश उत्सव कार्यक्रम शुरू किया है। पहले सप्ताह में शिक्षकों की ड्यूटियां इतनी लगाई गई हैं कि जिससे इस कार्यक्रम के प्रभावित होने की पूरी संभावना है। अध्यापकों का कहना है कि सरकार बिना विचार किए योजनाएं लागू कर देती है, बाद में इसका प्रभाव पड़ता है।
25 से 28 मार्च तक शिक्षक कक्षा तीन और पांच का लर्निंग लेवल ऑब्जर्वेशन (एलएलओ) करेंगे। अध्यापकों के मुताबिक एलएलएओ ड्यूटी सभी लेक्चरार, मास्टर और सी एंड वी की लगा दी गई है। चुनाव ड्यूटी की रिहर्सल, एलएलओ ड्यूटी, बोर्ड की परीक्षाओं की मार्किंग इसी बीच पड़ रहे हैं।
शिक्षा विभाग के मुताबिक चार अप्रैल को यह पता चल जाएगा कि कितने बच्चे स्कूलों से बाहर हैं और कितनों के दाखिले हुए हैं। यदि स्कूलों के बाहर कुछ बच्चे बचते हैं तो उनके दाखिले के लिए अलग से रणनीति बनाई जाएगी। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रधान कुलभूषण शर्मा के मुताबिक यह अभियान बहुत बढ़िया है, लेकिन बची में ड्यूटी आने से प्रभावित होगा।
"चुनाव ड्यूटी हमारे लिए सबसे पहले है, उसके बाद एलएलओ ड्यूटी आ जाती है, कापी मार्किंग का काम भी जरूरी है। ऐसे में प्रवेश उत्सव पिछड़ रहा है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।"--वजीर सिंह, हरियाणा राजकीय विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान
"हमने संबंधित उपायुक्तों से बात कर चुनाव ड्यूटी में लगे अध्यापकों की रिहर्सल की तिथि बदलने को कहा है। बोर्ड की मार्किंग की तिथि बढ़ाकर 31 मार्च कर दी गई है। प्रवेश उत्सव को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।"--डीसुरेश, निदेशक प्रथामिक शिक्षा हरियाणा au
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