** 29 से 31 मार्च तक खुले रहेंगे सभी बैंक
सोनीपत : जो लोग कहीं से भी ऑन लाइन इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के आदी हैं उनके लिए यह खुशखबरी हो सकती है। आयकर विभाग की ओर से उन सभी लोगों की परेशानी का हल निकाल लिया है जो यूजर आईडी, पासवर्ड चोरी होने के साथ अपने डाटा कॉपी को लेकर चिंतित रहते थे।
उन्हें अब विभाग की ओर से नया पिन दिया जाएगा। इस नए पिन के बिना कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल भी नहीं कर पाएगा। सोनीपत से करीब ५5 हजार लोग प्रति वर्ष रिटर्न दाखिल करते हैं। जिससे करीब २५ करोड़ रुपए आयकर जमा होता है। वित्तीय वर्ष 2012-13 की रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च है। इस तारीख तक अगर लोगों ने कर जमा करवा दिया तो वे जुर्माने से बच सकते हैं।
यह हो सकती है परेशानी
आर्थिक मजबूती के बावजूद काफी लोग ऐसे है जो अभी भी साइबर क्षेत्र के जानकार नहीं है और उन्हें ई रिटर्न के लिए टैक्स कंसलटेंट पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में टैक्स कंसलटेंट के माध्यम से रिटर्न फाइल कराने वालों को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। रिटर्न के अंतिम समय में दिक्कत बढ़ सकती है इसलिए पहले से काम करना होगा।
आयकर विभाग की यह है नई व्यवस्था
आयकर विभाग की नई प्रणाली के तहत करदाता को रिटर्न फाइल करते वक्त पिन नंबर बताना होगा। पिन नंबर लेने के लिए करदाता को आईटी पोर्टल पर अपनी ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन कराते ही नया पिन नंबर ईमेल आईडी या मोबाइल पर आ जाएगा। इसके अलावा जो पुराने करदाता वेबसाइट पर पहले से रजिस्टर्ड हैं, उन्हें भी दोबारा से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह भी बताना होगा कि दिया गया मोबाइल नंबर उनसे संबंधित है या सीए, ईआरआई, टीआरपी आदि से। रजिस्ट्रेशन कराते वक्त करदाता को प्राइमरी कांटेक्ट और सेकेंडरी कांटेक्ट दर्ज कराना होगा।
29 से 31 मार्च तक खुलेेंगे उपभोक्ताओं के लिए बैंक
वित्त वर्ष की समाप्ति तथा कर जमा करवाने के लिए लोगों को परेशानी का देखते हुए वित्त मंत्रालय ने अवकाश के दिनों में भी बैकिंग सेवाएं जारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत सभी राष्ट्रीयकृत बैंक 29 मार्च (शनिवार), 30 मार्च (रविवार) और सोमवार 31 मार्च को पूरा दिन काम करेंगे। इसका मकसद उपभोक्ताओं को परेशानी से बचाना है।
पता सोनीपत के बजाए दिल्ली का
आयकर जमा कराने के प्रति जागरूकता लोगों में इस कदर बढ़ी है कि लोग सोनीपत के पत्ते के बजाए दिल्ली में आयकर जमा कराने के प्रति अधिक सक्रियता दिखाते हैं। सीए दीपक गुप्ता के मुताबिक यह सिलसिला अब बढ़ रहा है। इसका कारण एक प्रकार से इनकम टैक्स अधिकारियों की नजरों से बचना है। उनके अनुसार चूंकि सोनीपत में चंद लाख का कर अदा कर जहां वे विभाग की सीधी नजरों में आ जाते हैं तो वहीं दिल्ली चूंकि महानगर है तो वहां सैकड़ों ऐसे लोग है जहां लाखों करोड़ों रुपए कर जमा होता है। इस तरह से चंद लाख वालों की स्क्रूटनी कम ही होती है। db
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