मुख्यमंत्री शिक्षा दीक्षा योजना के तहत शिक्षा के गुणात्मक सुधार की मुहिम में शिक्षा विभाग ने अबकी बार पायलट के तौर पर तीसरी व पांचवीं कक्षा की लर्निंग लेवल एसेसमेंट बड़े जोर-शोर से कराई। सभी अधिकारियों व शिक्षकों में इसके प्रति जहां बहुत उत्साह था, वहीं इसकी प्रक्रिया के प्रति भी जिज्ञासा थी। इस परीक्षा को लेने के लिए प्राध्यापकों, मास्टरों व भाषा अध्यापकों की व्यापक स्तर पर ड्यूटी लगाई गई पूरा ताम झाम किया गया।
प्राथमिक शिक्षकों में इस परीक्षा को लेकर कुछ आशंकाएं थीं, परंतु परीक्षा के बाद जो स्थिति सामने आई वह काफी चिंतनीय थी। इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि बच्चों का लर्निंग लेवल जानने के लिए जो प्रश्न पत्र पांचवीं व तीसरी कक्षा के लिए तैयार किए गए, वह जगता है। सरकार स्कूलों में अधिकतर बच्चे उन घरों से आते हैं, जिन्हें घर पर पढ़ाने वाले नहीं है और नियमित रूप से स्कूल भेजने में भी मां-बाप की ज्यादा रुचि नहीं है। शर्मा ने कहा कि पांचवीं के तीनों प्रश्न पत्रों में से अधिकतर प्रश्न जस केे तस तीसरी के प्रश्न पत्रों में दिए हुए थे, इससे क्या अंदाजा लगाया जाए कि क्या पांचवीं व तीसरी के बच्चों का मानसिक स्तर एक जैसा होता है विभाग द्वारा इस प्रकार के प्रश्न पत्र तैयार करने से पहले इस पर विचार शायद नहीं किया गया। तभी इस प्रकार की गलती सामने आई है। dbguhlaktl
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