** चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक मोबाइल कॉल अटैंड करना आवश्यक
चुनाव का समय है। अकेले बूथ ही संवेदनशील नहीं बल्कि संवेदनशीलता खुद चुनाव आयोग में भी खूब दिख रही है। आयोग कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। आदेश भी स्पष्ट हैं कि किसी ने लापरवाही की तो कार्रवाई भी निश्चित है। एक आदेश अधिकारियों को मोबाइल से संबंधित है कि वे चौबीसों घंटे संपर्क में रहेंगे।
मोबाइल ऑफ किया तो कार्रवाई हो सकती है। मोबाइल की बैटरी डाउन थी या साइलेंट पर था जैसे बहाने नहीं चलेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी डीके बेहरा ने कहा कि जो अधिकारी निर्देशों की पालना में लापरवाही बरतेगा, उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 34 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी इलेक्शन कमीशन के अंडर हैं और उन्हें निर्देशों का हर हाल में पालना करना ही होगा। 24 घंटे उन्हें अपना मोबाइल ऑन रखना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे सूचना मांगी जा सके और जरूरी निर्देश दिए जा सकें। कोई भी जरूरत पड़ने पर अधिकारी से संपर्क नहीं होने की सूरत में चुनावी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए चुनाव प्रक्रिया पूरी न होने तक मोबाइल कॉल अटैंड करना जरूरी है।
छुट्टी के दिन भी स्टेशन नहीं छोड़ना
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि साफ तौर पर हिदायत ये भी हैं कि सभी विभागों के अधिकारियों को अपना स्टेशन नहीं छोड़ना है। चुनाव तक अवकाश के दिन भी स्टेशन पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा आवश्यक रिपोर्ट में देरी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी।
चुनावों को सही तरीके से निपटाने के लिए चुनाव आयोग किसी प्रकार की कोई ढील नहीं बरतना चाहता। इसलिए वह हर राजनीतिक गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है तथा अधिकारियों को भी कोई लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दे रखे हैं। किसी ने लापरवाही की तो कार्रवाई भी निश्चित है। एक आदेश अधिकारियों को मोबाइल से संबंधित है कि वे चौबीसों घंटे संपर्क में रहेंगे। djfhtbd
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