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Tuesday, 6 May 2014

रिजल्ट पर रोक लगने से छात्रों में हड़कंप

** रिजल्ट लेट इलिजबिलिटी (आरएलई) के दायरे में आए बीकॉम फर्स्ट ईयर के छात्र 
** छात्रों ने आरोप लगाया है कि इस परेशानी से बचाने के लिए प्रति छात्र हजार रुपए मांग रहे हैं
फरीदाबाद : सेक्टर 16ए स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम फर्स्ट ईयर के बड़ी संख्या में छात्रों को परीक्षा परिणाम में रिजल्ट लेट इलिजबिलिटी (आरएलई) आने से परेशानी बढ़ गई है। छात्र परिणाम देख कर भौंचक्के हैं। छात्रों के परिणाम पर महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ने रोक लगा दी। छात्रों का आरोप है कॉलेज की लापरवाही की वजह से परिणाम पर रोक लगा दी गई है। 
यह है मामला:   
पिछले वर्ष जुलाई व अगस्त में कक्षा में दाखिला लिया गया था। उस समय कॉलेज प्रशासन को 10 वीं व 12वीं कक्षा से संबंधित सभी दस्तावेज जमा कराए गए थे। परीक्षा के समय में किसी तरह का दस्तावेज नहीं माना गया था। प्र्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दिसंबर 2013 को एमडीयू की ओर से आयोजित की गई थी। उस समय किसी भी प्रकार के दस्तावेजों की मांग नहीं की गई या रोल नंबर तक नहीं रोका गया। 28 अप्रैल को प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम आने के बाद पता चला कि कक्षा में मौजूद 80 विद्यार्थियों में से 40 का परिणाम नहीं आया है। नेट पर नंबरों को देखने के लिए जैसे ही रोल नंबर डाला जाता है। उधर से रिजल्ट लेट इलिजबिल्टी (आरएलई) लिखकर आ रहा है। 
क्या होता है आरएलई : 
आरएलई तब आता है। जब किसी तरह का कागज जमा न हो। छात्रा दिव्या ने बताया कि छात्रों ने इस संबंध में प्रिंसिपल से बात की गई थी। लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए। गलती मानने को तैयार नहीं है। छात्र चक्कर काट रहे हैं। इसे ओर किसी का ध्यान नहीं है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि इस परेशानी से बचाने के लिए प्रति छात्र हजार रुपए मांग रहे हैं। 
"कॉलेज प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए हैं। छात्रों की समस्या का हल नहीं हुआ तो आंदोलन से पीछे नहीं हटा जाएगा। छात्रों की परेशानी दूर की जाएगी। परिषद् उनके साथ है।"--अजय डागर, अध्यक्ष एबीवीपी कॉलेज 
"छात्र अपनी गलती नहीं मान रहे हैं। कॉलेज का दायित्व है कि छात्रों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। परीक्षा परिणाम आएलई आया है। कागज में कुछ कमी रह गई होगी।"--डॉ. संतोष कुमारी, प्रिंसिपल                                      db

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