** निदेशालय से प्रथम तिमाही का पैसा जारी
बच्चों के बैंक खाते में वजीफे का पैसा समय से नहीं भेजा गया तो स्कूल के डीडीओ (ड्राइंग एंड डिस्पर्सिव ऑफिसर) जिम्मेदार होंगे। पैसा भेजने में तनिक भी देरी हुई तो उनकी सेलरी रोकी जा सकती है। डीडीओ किसी भी सूरत में अपने खाते में पैसा नहीं रखेंगे। शिक्षा निदेशालय से प्रथम तिमाही का पैसा डीडीओ के खाते में भेज दिया गया है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल करने वाले अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से वजीफे दिए जाते हैं। वजीफे की राशि निदेशालय जारी करता है। स्कूल इंचार्जो की लेटलतीफी से पैसा समय पर नहीं बंट पाता। लैप्स हो जाने से बच्चे सरकारी स्कीमों के लाभ से वंचित रह जाते हैं। मालूम हो कि शैक्षणिक सत्र 2013-14 में दिसंबर से पहले इन स्कीमों से संबंधित 50 फीसद राशि ही खर्च हो सकी। शिक्षा निदेशालय के आला अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए सत्र 2014-15 के शुरुआत में ही वजीफे से संबंधित पहली तिमाही का पैसा जारी कर दिया। सभी जिलों में तैनात शिक्षा महकमे के अधिकारियों को यह राशि अविलंब बच्चों के खाते में ट्रांसफर करने की हिदायत दी गई है।
प्रतिभावानों को छात्रवृत्ति
राजकीय विद्यालयों में शिक्षा हासिल करने वाले बच्चों को राजीव गांधी योजना के तहत छात्रवृत्ति (वजीफा) दी जाती है। छठी से 12वीं कक्षा तक के प्रतिभावान बच्चे इस वजीफे के हकदार हैं। प्रत्येक क्लास में (एक छात्र व एक छात्र) अव्वल विद्यार्थी का चयन कर उन्हें इस स्कीम के तहत लाभान्वित किया जाएगा। चयन के दौरान स्कूल इंचार्ज इस बात पर नजर रखेंगे कि विद्यार्थी 2013-14 में पास आउट है। छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों को 750 रुपये व 9-12 वीं के बच्चों को 1000 रुपये वजीफा दिया जाता है। कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी जय भगवान खटक ने बताया कि डीडीओ को प्रथम तिमाही की वजीफे की राशि बच्चों के खाते में समय से डालने की सख्त हिदायत दी गई है। लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीडीओ विभिन्न स्कीमों का पैसा ज्यादा समय तक खाते में रोक कर न रखें। djpnpt
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