** सीडीएलयू में बिना मान्यता के चल रहे थे पांच कोर्स, मान्यता नहीं मिली तो अगले सत्र से बंद कर दिए जाएंगे
सिरसा : सीडीएलयू में बिना मान्यता के चल रहे पांच कोर्स नए सेशन के प्रोस्पेक्टस से गायब हो सकते हैं। वहीं ये कोर्स बंद हो सकते हैं। अगर सीडीएलयू इन कोर्सो को चलाती है तो उसे छात्रों के विरोध के साथ फजीहत भी झेलनी पड़ सकती है। एकेडिमक शाखा भी अब प्रोस्पेक्टस छपवाने की तैयारी में है। मगर इस पशोपेश में हैं कि बिना मान्यता के चल रहे कोर्स को प्रोस्पेक्टस में स्थान दिया जाए या नहीं। हालांकि अधिकारी एडमिशन कमेटी की मीटिंग में इन कोर्स को बंद करने पर अपनी सहमति प्रकट कर चुके हैं। सीडीएलयू के नए सत्र में दाखिले के लिए मई के अंतिम सप्ताह में छात्रों को प्रोस्पेक्टस मिलने शुरू हो जाएंगे।
2007 में मान्यता के लिए किया था आवेदन
सीडीएलयू की स्थापना से सीपीएड (दो वर्षीय) और बीपीएड (तीन वर्षीय) कोर्स चल रहे हैं। सीडीएलयू ने 2007 में सीपीएड और बीपीएड, एमपीएड कोर्स की मान्यता के लिए नेशनल काउंसिल टीचिंग एजुकेशन जयपुर के पास एप्लाई किया। एमपीएड कोर्स को तो मान्यता मिल गई। बाकी दोनों कोर्सिस को मान्यता नहीं मिली। इस दौरान एनसीटीई की टीम ने इंस्पेक्शन के लिए विजिट नहीं किया। सीडीएलयू कई बार पत्राचार भी कर चुका है मगर एनसीटीई द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। पिछले सात साल से मान्यता न मिलने के कारण अप्रैल की मीटिंग में फिजिकल विभाग की स्टॉफ काउंसिल ने भी एडमिशन न करने की राय डीन और एडमिशन कमेटी को दे दी है। मान्यता से लगभग एक हजार छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है।
एडमिशन कमेटी की मीटिंग में भी हुई थी मान्यता के मुद्दे पर चर्चा
स्टॉफ काउंसिल ने छात्रों के भविष्य को देखकर एडमिशन कमेटी को नए सत्र से एडमिशन न करने की सलाह दी जा चुकी है। एडमिशन कमेटी की कुछ दिन पहले मीटिंग थी। मीटिंग में लॉ और सीपीएड, बीपीएड कोर्स के मान्यता न मिलने के मुद्दे पर चर्चा भी हुई। एकेडमिक शाखा ने भी अपनी राय दी है कि यदि अगले कुछ दिनों तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा लॉ विभाग को मान्यता न दी गई तो आगामी सत्र से इन कोर्स में एडमिशन न दिया जाए। क्योंकि बिना मान्यता के चल रहे पांच कोर्स की मान्यता न मिलने पर सीडीएलयू की फजीहत हो रही है। खुद एकडेमिक शाखा के अधिकारी भी मान रहे हैं कि यदि कुछ दिनों तक मान्यता न मिली तो एडमिशन के लिए प्रोस्पेक्टस में पांचों कोर्स नहीं छापे जाएंगे।
एक हजार से ज्यादा छात्र कर चुके हैं सीपीएड और बीपीएड कोर्स
सीपीएड और बीपीएड कोर्स विश्वविद्यालय की स्थापना से ही चल रहे हैं। सीपीएड में 50 और बीपीएड में 30 सीटें है। अब तक दोनों कोर्स में एक हजार से ज्यादा छात्र डिग्री हासिल कर चुके हैं। मगर इन डिग्रीयों को नेशनल काउंसिल ऑफ टीचिंग एजुकेशन से मान्यता नहीं है।
लॉ विभाग को भी मान्यता नहीं
लॉ विभाग के तीन वर्षीय, पांच वर्षीय और एलएलएम को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं मिली। पहले 2009 तक अस्थाई मान्यता थी। मान्यता रद् होने की बात मार्च में छात्रों को मिली तो उन्होंने सीडीएलयू में भूख हड़ताल की। परिणामस्वरूप बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मार्च में इंस्पेक्शन की। मगर बीसीआई ने मान्यता देने या न देने का कोई पत्र नहीं भेजा।
"विभाग की एचओडी भी पत्राचार जारी रखे हुए है। अभी भी प्रयास जारी हैं। बीसीआई की टीम भी इंस्पेक्शन कर चुकी है। जल्द ही मान्यता मिल जाएगी। विश्वविद्यालय किसी भी कोर्स को बंद करने के पक्ष में नहीं है"--डॉ. राधे श्याम शर्मा, वीसी, सीडीएलयू सिरसा। db
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