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Saturday, 3 May 2014

स्कूलों की मनमर्जी पर सीबीएसई की नकेल

** ग्रेड के अनुसार बढ़ा सकेंगे फीस, स्कूलों को मौजूदा सुविधाएं और फैकल्टी के आधार पर बोर्ड देगा ग्रेड 
सीबीएसई स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से बढ़ाई जा रही फीस से अभिभावकों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। इन स्कूलों में फीस वृद्धि पर लगाम लगाने व एजुकेशन क्वालिटी में सुधार करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने जा रही है। 
बोर्ड स्कूलों को मौजूदा सुविधाएं और फैकल्टी के आधार पर ग्रेड देगा। इस ग्रेडिंग के आधार पर स्कूल फीस तय कर सकेंगे, साथ ही पेरेंट्स भी स्कूल के एजुकेशन लेवल और स्टैंडर्ड का अंदाजा लगा सकेंगे। बोर्ड ने नए सत्र से एफिलिएटेड सभी स्कूलों को ग्रेड दिलाने के लिए संबद्धता की प्रोसेस शुरू कर दिया है। जैसे ही स्कूलों को ग्रेड मिलता है, इसकी पूरी जानकारी और ग्रेड वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी। 
मनमानी पर लगेगी रोक 
सीबीएसई स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि का अभी कोई आधार नहीं है। इसलिए स्कूल संचालक प्रतिवर्ष मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोतरी करते रहते हैं। इस वर्ष में स्कूलों द्वारा 15 से 20 प्रतिशत तक फीस वृद्धि की गई। कुछ स्कूलों द्वारा महंगाई को आधार बताकर 30 प्रतिशत तक फीस में बढ़ोतरी की गई, लेकिन अब बोर्ड ग्रेड के हिसाब से फीस तय करेगा, जो स्कूल जिस ग्रेड में रहेगा, वह उसी अनुसार फीस ले सकेगा। इससे स्कूलों में विद्यार्थियों को जहां बेहतर सुविधा मिलेगी, वहीं अभिभावकों को भी स्कूल संचालकों की मनमर्जी से राहत मिलेगी। 
3 साल में सर्टिफिकेट जरूरी 
स्कूलों को एकेडमिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पोट्र्स, टीचर्स क्वालिफिकेशन, रिजल्ट में स्कूल की परफॉर्मेंस, टीचर्स की संख्या और उनके वेतन आदि के आधार पर ग्रेड दी जाएगी। इस ग्रेड से ही शहर के सभी सीबीएसई स्कूलों की फीस तय होगी। इसमें अगले तीन सालों में सभी सीबीएसई स्कूलों को संबद्धता सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। सर्टिफिकेट न लेने पर स्कूल की मान्यता रद्द हो जाएगी। 
यह है ग्रेड का गणित
स्कूलों को बोर्ड द्वारा 0 टू 7 प्वाइंट्स के आधार पर ग्रेड दिया जाएगा। यदि स्कूल के सात के आसपास प्वांइट मिले तो वे टॉप ग्रेडिंग में आएंगे। बोर्ड स्कूलों को तीन कैटेगरी में रखेगा। 
पहला ए ग्रेड : इसमें टॉप स्कूलों को रखा जाएगा। 
बी ग्रेड: इसमें सामान्य व एवरेज स्कूलों को रखा जाएगा। 
सी ग्रेड: इस ग्रेड में सबसे निम्न स्तर के स्कूलों को रखा जाएगा। सी ग्रेड पाने वाले स्कूलों का बोर्ड मान्यता रद्द कर सकता है।
इन प्वाइंट पर मिलेगी ए ग्रेड 
  • स्टॉफ और टीचर्स ने कितनी बार सेमिनार अटैंड किए 
  • टीचर्स व स्टूडेंट्स का लाइफ स्किल पर इंटरेक्शन। 
  • गर्ल्स हरेसमेंट के लिए पांच मेंबर्स की कमेटी है या नहीं। 
  • पेरेंट्स से बस ऑपरेटर कांटेक्ट करते हैं या नहीं। 
  • डिसएबल बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं। 
  • पानी और इकोफ्रेंडली चीजों से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।                                dbjnd

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