** रेवाड़ी जिले के धवाना और खोल के ग्रामीणों के दबाव में आया शिक्षा विभाग
रेवाड़ी : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धवाना की पीटीआई पवित्रा यादव का पांच दिन में तीन बार तबादला कर दिया गया। कसूर सिर्फ इतना है कि गांव के कुछ लोग उसे पंसद नहीं करते हैं। उन लोगों ने पवित्रा पर आरोप लगा दिए जिसकी जांच हुई तो कुछ भी नहीं मिला। इसके बावजूद शिक्षा अधिकारियों ने उसका तबादला खोल के राजकीय स्कूल में कर दिया। पवित्रा जब ज्वाइन करने खोल पहुंची तो वहां गांव के सरपंच ने भी प्राचार्य को लिखित में पत्र लिखकर चेतावनी दे दी कि इस शिक्षिका की ज्वाइन नहीं होनी चाहिए।यहां भी प्राचार्य व अधिकारी दबाव में नजर आए और उसका तबादला खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खोल में कर दिया। पवित्रा जब इस कार्यालय में पहुंची तो पता चला कि पीटीआई होने के कारण कार्यालय में उसके लिए कोई विशेष कार्य नहीं है लिहाजा उसे अन्य स्कूल में भेजने की तैयारी चल रही है। एक के बाद एक ज्यादती से दुखी पवित्रा ने अब राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के अलावा विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि उसकी गलती बताई जाए।
क्या है पूरा मामला :
छह रोज पहले गांव धवाना राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत सुनील यादव पर घर में घुसकर किसी महिला के साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना से गुस्साए गांव के कुछ ग्रामीणों ने सरपंच दलबीर सिंह की अध्यक्षता में स्कूल परिसर में पंचायत की और सुनील यादव के साथ-साथ स्कूल के तीन अध्यापक जिसमें एक पवित्रा यादव भी शामिल थे पर अलग अलग आरोप लगाकर उनका तबादला करने की मांग कर दी। पवित्रा पर आरोप था कि वह स्कूल के विद्यार्थियों को कमरे में ले जाकर गलत फिल्में दिखाती हैं।
'शिक्षिका की कोई गलती नहीं'
इस मामले की जांच कर रहे जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकंवर जायसवाल ने माना कि पूरे मामले में पवित्रा पूरी तरह से बेकसूर है। हमने जांच के लिए गांव जैनाबाद व सीहा से महिला शिक्षकों को बुलाया था। स्कूल प्राचार्य से लेकर अधिकांश स्टाफ पवित्रा के पक्ष में हैं। db
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