** शिक्षा मंत्री के आवास पर 24 को अनशन, बोर्ड के घेराव की भी योजना
चंडीगढ़ : स्कूली शिक्षा विभाग को प्रशिक्षण से पहले शिक्षकों की परीक्षा लेने का निर्णय भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए प्राइमरी व टीजीटी शिक्षकों ने फैसला मानने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि नौकरी के दौरान परीक्षा लेना शिक्षा के अधिकार का सरासर उल्लंघन है। कानून में शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का प्रावधान तो है लेकिन इसके लिए परीक्षा का कोई उल्लेख नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग के लिए अब परीक्षा का आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं होगा। चूंकि शिक्षकों ने विरोध स्वरूप शुरुआती चरण के आंदोलन की घोषणा कर दी है। 24 मई को शिक्षक प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के झज्जर स्थित आवास पर एक दिन का अनशन करेंगे। विभागीय अधिकारियों के साथ ही शिक्षा बोर्ड का घेराव करने की योजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। टीजीटी व प्राइमरी शिक्षक यह भी कह रहे हैं कि अगर प्रशिक्षण के लिए उनकी परीक्षा लेना जरूरी है तो सेवारत अधिकारियों का टेस्ट भी संघ लोकसेवा आयोग द्वारा लिया जाना चाहिए।
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि विभाग के तुगलकी फरमान को शिक्षक किसी सूरत में लागू नहीं होने देंगे।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी विरोध दर्ज कराते हुए संयुक्त आंदोलन करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी परीक्षा लेकर शिक्षकों को अपमानित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपना फैसला जल्द वापस ले लें, वरना उन्हें उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रधान विनोद ठाकरान व महासचिव दीपक गोस्वामी के अनुसार विभाग की शिक्षक आंकलन परीक्षा का बहिष्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व विभाग के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। dj
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