धारा 134-ए के तहत मूल्यांकन परीक्षा देने से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के चूकने पर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने स्वयं संज्ञान लिया है। लगातार शिकायतें मिल रहीं थी कि किसी के पास संदेश नहीं पहुंचा तो कोई सूचना तंत्र में खामियों के कारण परीक्षा देने से वंचित रह गए। कहीं अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चे को हिंदी का प्रश्न पत्र थमा दिया गया। इस पर शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि यह गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मंत्री गीता भुक्कल ने बताया कि केंद्रों पर उम्मीद से कम बच्चे परीक्षा देने पहुंचे हैं। इस दौरान कई प्रकार की खामियां खंड, जिला और प्रदेश शिक्षा विभाग स्तर पर देखने को मिली है। इसलिए मंगलवार को कितने बच्चों ने परीक्षा दी, कितने वंचित रह गए, क्या कारण थे, क्यों ऐसा हुआ जानकारी जुटाने के लिए शिक्षा अधिकारियों को तलब किया है। मीटिंग में मंथन किया जाएगा। अगर शिक्षा विभाग अधिकारियों की लापरवाही के कारण विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने पूछे जाने पर बताया कि विद्यार्थियों का दोबारा टेस्ट लिया जाएगा या नहीं, इस बारे में मीटिंग के बाद ही फैसला लिया जाएगा। हालांकि उन्हें यह भी संकेत दिया कि अगर विद्यार्थियों के पास संदेश पहुंचा और टेस्ट नहीं दिया तो हो सकता है कि उनकी दोबारा परीक्षा नहीं ली जाएगी। बता दें कि प्रदेश में दो तिहाई से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देने से चूक गए थे। ज्यादातर के पास शिक्षा विभाग द्वारा मोबाइल पर भेजा गया संदेश नहीं मिला था। इसके अलावा परीक्षा केंद्र दूर होने के कारण विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाए। हिसार में 1903 विद्यार्थी ने निजी स्कूलों में दाखिला के लिए आवेदन किया था। इनमें से महज 544 ही परीक्षा देने केंद्रों में पहुंचे थे। djhsr
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