चंडीगढ़ : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) ने सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में 21 मई से आंदोलन का ऐलान कर दिया है। स्कूल लेक्चरर्स का कहना है कि वे किसी भी हालत में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) का पदनाम स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार पदनाम प्राध्यापक ही रखने की घोषणा करे। ये शिक्षक हेडमास्टर के नीचे काम करने का भी विरोध कर रहे हैं।
एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रांतीय प्रधान दयानंद दलाल ने बताया कि आंदोलन का पहला चरण 21 मई से शुरू होगा। इसमें 21 से 23 मई को बड़े विद्यालयों में उप मंडल स्तरीय धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके बाद 26 मई को पूरे प्रदेश में जुलूस निकालते हुए सरकार के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे। 29 मई को डीसी के माध्यम से सरकार के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे। जुलाई के अंतिम सप्ताह में राज्य स्तरीय रैली करके आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
दलाल ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में पीजीटी प्राध्यापकों का समायोजन सीनियर सेकेंडरी विद्यालयों में करने, प्राध्यापकों को हेडमास्टर के नीचे नियुक्त न करने, स्कूल प्राध्यापकों का ग्रेड पे 5400 एवं कॉलेज काडर में पदोन्नति, प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति का शत प्रतिशत कोटा प्राध्यापकों को देने, शिक्षा में सुधार के लिए भविष्य में प्राध्यापक की भर्ती के लिए एमए में 55 प्रतिशत एवं गुड एकेडमिक रिकॉर्ड की योग्यता रखना शामिल है।
कमेटी ने नहीं दी रिपोर्ट
दलाल ने बताया कि 28 नवंबर 2013 को उनकी मांगों पर शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन के साथ हुई बैठक में समझौता हुआ था। इसके तहत एक कमेटी बनाई गई थी, जिसे उनकी मांगों पर विचार करना था। कमेटी ने आज तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, जबकि इसे 15 दिन में रिपोर्ट देनी थी। इसके बाद कई बार वे सुरीना राजन से मिले भी, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। db
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