चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 27 मई को पहली बार हो रही राज्य मंत्रिमंडल की बैठक पर पूरे प्रदेश की निगाह है। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। तीन साल की सेवाएं पूरी कर चुके कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने पर मंत्रिमंडल की मोहर लग सकती है तो साथ ही राज्य की नई टोल नीति को मंजूरी प्रदान की जा सकती है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के लिए एजेंडा तैयार करने का काम अभी से शुरू हो गया है। टोल नीति बनकर तैयार है। इसे हालांकि पिछली बैठक में ही मंजूरी मिलने वाली थी, लेकिन राज्य चुनाव आयोग से शिकायत होने के बाद टोल नीति घोषित करने का फैसला अगली बैठक के लिए टाल दिया गया था।
राज्य सरकार कर्मचारियों को नियमित करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी के साथ समझौता वार्ता में इस तरह का वादा भी किया था, लेकिन चुनाव आचार संहिता की वजह से इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था। राज्य सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया का खाका लगभग तैयार कर लिया है। इस कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर अब मंथन चल रहा है। केबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य के हजारों कर्मचारियों को यह लाभ मिल सकता है।
प्रदेश सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाने पर भी विचार कर रही है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार को कुछ अधिकारियों ने यह सलाह दी है कि रिटायरमेंट आयु बढ़ाने की बजाय नई भर्ती प्रक्रिया पर जोर दिया जाना चाहिए। इस बारे में अंतिम फैसला अभी होना बाकी है। dj
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