** बताएंगे किस पीरियड में कब क्या पढ़ाया है, प्रिंसिपल करेंगे समय-समय पर लेक्चर प्लान की जांच
अम्बाला : सरकारी कॉलेजों में मनमर्जी चलाने वाले व फरलो मारने वाले शिक्षकों को अब खुद की जवाबदेही तय करनी होगी। न केवल खुद की जवाबदेही होगी बल्कि कक्षा में हर छोटी से छोटी गतिविधि का पूरा रिकार्ड भी उन्हें खुद मेनटेन करना होगा।
आज कक्षा में क्या पढ़ाया, कल क्या पढ़ाया जाएगा, यह शिक्षक को पहले ही तय करना होगा। जी हां, इस सत्र में प्रदेश भर के सभी 96 सरकारी कॉलेजों में यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसी के अनुसार शिक्षकों को चलना होगा। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने की जवाबदेही कॉलेज के प्रिंसिपल की होगी। किसी भी समय प्रिंसिपल शिक्षकों द्वारा मेनटेन किए गए रिकार्ड की जांच कर सकते हैं। चंडीगढ़ में 6 मई को एडिशनल चीफ सेके्रटरी एसएस प्रसाद के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
जी हां, इस बार कॉलेजों में ऐसा ही होगा। शिक्षा के गिरते स्तर को ऊपर उठाने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। दरअसल, सेमेस्टर सिस्टम प्रणाली के चलते लगातार प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। आए साल परीक्षा परिणाम बद से बदतर आने के सही कारणों के मूल्यांकन के तहत इस साल नए सत्र में शिक्षकों की जिम्मेदारी व जवाबदेही तय कर दी गई है। इसके तहत अब शिक्षकों को डेली लेक्चर प्लान बनाना होगा। बाकायदा इसका रिकार्ड भी मेनटेन करना होगा। इतना ही नहीं, विद्यार्थियों की असेस्मेंट का रिकार्ड भी अध्यापकों को अब खुद ही रखना होगा।
अध्यापक ने रिकार्ड नहीं रखा तो प्रिंसिपल होंगे जवाबदेह
जिस तरह स्कूली विद्यार्थियों को उनकी डायरी में गृह कार्य लिखकर दिया जाता है या विद्यार्थी अपने होमवर्क को अपनी डायरी में लिखकर घर ले जाते हैं, उसी तरह शिक्षक भी अपनी दैनिकी में प्रतिदिन किस क्लास रूम में क्या किया, यह लिखेंगे। प्रतिदिन इस तरह का रिकार्ड मेनटेन करने के कारण शिक्षक अपनी कक्षा से फरलो नहीं मार सकेंगे। इसी तरह विद्यार्थियों ने पूरे सालभर में क्या-क्या किया व शिक्षक की भूमिका कहां क्या रही, सारे रिकार्ड उनकी असेस्मेंट सहित शिक्षकों को अपने पास रखना होगा। यदि कोई शिक्षक ऐसा नहीं करता तो प्रिंसिपल उसके लिए जवाबदेह होंगे।
जल्द लग सकती है डेली पैसेंजरिंग पर रोक
शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने व अक्सर कक्षाओं में शिक्षकों के गैरहाजिर रहने संबंधी शिकायतों को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग का रवैया सख्त हो चुका है। अक्सर शिकायतें आती हैं कि जिले से बाहर से आने वाले शिक्षक जल्दी अपने घर जाने के लिए कक्षा अधर में ही छोड़ जाते हैं या कई बार कक्षाओं में नहीं आते, देरी से पहुंचते हैं। इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेशभर के सरकारी शिक्षण संस्थानों में दूर-दराज से पढ़ाने आने वाले शिक्षकों की डेली पैसेंजरिंग पर अब जल्द ही रोक लगेगी। हालांकि यह तय नहीं हो सका कि यह फैसला कब लागू होगा।
सकारात्मक सुधार की उम्मीद
"शिक्षकों को अब लेक्चर प्लान बनाना होगा। नए सत्र से यह प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी। विद्यार्थियों की असेस्मेंट का रिकार्ड भी शिक्षकों को मेनटेन करना पड़ेगा। कॉलेजों के प्रिंसिपल अध्यापक के लेक्चर प्लान को कभी भी चेक कर सकते हैं। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। निश्चित तौर पर विभाग की इस पहले से शिक्षा के स्तर में सकारात्मक सुधार आने की उम्मीद है।"--डॉ. सुबोध कुमार, प्रिंसिपल गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अम्बाला कैंट। db
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