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Friday, 9 May 2014

राइट टू सर्विस एक्ट लागू, टाइम पर सेवा मिलने की गारंटी नहीं

**एक्ट के तहत 36 सेवाएं अधिसूचित, लेकिन कर्मचारियों को नहीं दी ट्रेनिंग 
चंडीगढ़ : आम जनता को रोजमर्रा के छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए सरकार ने प्रदेश में राइट टू सर्विस एक्ट लागू कर दिया है। एक्ट जहां पहले ही नोटिफाइड कर दिया गया था वहीं गुरुवार को इसके नियम भी नोटिफाइड कर दिए। इसके तहत राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र, जन्म-मृत्यु, जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र समेत 36 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। इनमें हर काम के लिए समय सीमा तय की गई है। एक्ट के तहत आवेदन मिलने के बाद संबंधित कर्मचारी को ये काम तय अवधि में करके देने होंगे। ऐसा न करने पर उसे 250 से 5000 रुपए तक का जुर्माना भुगतना होगा। 
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग की सिफारिशों पर राज्य सरकार और कई सेवाओं तथा उनकी समय सीमा अधिसूचित करेगी। एक्ट के तहत नामित अधिकारी, काम न होने पर शिकायत करने के लिए प्रथम और द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे। 
मॉनीटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं 
राइट टू सर्विस एक्ट के तहत कितने आवेदन मिले? कितने का समय पर निस्तारण किया गया और कितने पेंडिंग रहे? लोगों को इसके लिए अनावश्यक चक्कर तो नहीं लगाने पड़ रहे? सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी आवेदन ले भी रहे हैं अथवा नहीं? आदि की मॉनीटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके उलट राजस्थान में हर आवेदन को कंप्यूटर में दर्ज करने और ऑनलाइन ऑटो रिमाइंडर की व्यवस्था लागू है। 
एप्लीकेशन रद्द करने का लिखित कारण बताना होगा 
एक्ट के तहत अगर किसी आवेदक की एप्लीकेशन रद्द की जाती है तो उसका कारण लिखित में बताना होगा। काम की समय सीमा उस दिन से मानी जाएगी जिस दिन कार्यालय में आवेदन प्राप्त होगा। एक्ट में काम नहीं होने की स्थिति में पहली अपील 30 दिन और दूसरी अपील 60 दिन में करने का प्रावधान है। 
अभी तो कमीशन भी नहीं बना 
राइट टू सर्विस एक्ट के तहत शिकायतें सुनने के लिए सरकार को कमीशन भी बनाना था लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं किया गया है। हालांकि कमीशन में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे जा चुके थे। इस एक्ट को पहले अध्यादेश से लागू किया गया था। फरवरी में विधानसभा ने इसका संशोधित विधेयक पारित कर दिया। इससे कमीशन में नियुक्ति के लिए पहले की गई कवायद बेकार हो गई। अब नए सिरे से कमीशन बनाने की कवायद की जाएगी।                                                 db

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