कैथल : हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ की एक प्रदेश स्तरीय बैठक अंबाला रोड स्थित एक पैलेस में हुई। बैठक में अतिथि अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडऩे की नीति बनाई। बैठक की अध्यक्षता संघ के संयोजक राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने की। बैठक में उपस्थित करीब 150 अतिथि अध्यापकों ने कहा कि नियमित होने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने दोपहर बाद लोक निर्माण मंत्री को भी नियमित होने के लिए ज्ञापन सौंपा। समस्या हल न होने पर 11 जून से कांग्रेस पार्टी के सभी एमएलए के आवास पर अनिश्चित कालीन धरना देने का ऐलान किया।
राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने कहा कि नौ वर्षों से सरकारी स्कूलों में कार्यरत 16 हजार गेस्ट टीचर्स के साथ सीएम ने हर बार विश्वास घात किया है। लेकिन अब अतिथि अध्यापक अन्याय सहन नहीं करेंगे। नियमित होने के लिए सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडेंग़े। सीएम ने जानबूझकर अतिथि अध्यापकों को तीन वर्ष की पालिसी में गेस्ट टीचर्स को वंचित रखा गया। कुछ लोगों ने अतिथि अध्यापकों को हटाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट में केस कर रखा था। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी गेस्ट टीचर को हटाने के केस को 25 मार्च 2014 को खारिज कर दिया था। आज गेस्ट टीचर्स पर कोई लंबित केस नहीं है। इसके बावजूद भी सीएम ने अतिथि अध्यापकों को पालिसी बनाकर नियमित करने की बात नहीं की। बल्कि सीएम गेस्ट टीचर्स को कह रहे हैं कि अगर उन्होंने गेस्ट को नियमित किया तो वे जेल में चले जाएंगे। राज्य कार्यकारिणी के सदस्य पारस शर्मा कहा कि गेस्ट टीचर्स की भर्ती लगातार दो वर्ष तक जारी रही। अगर इसमें किसी प्रकार की कोई कमीं थी तो इसे तब बंद कर देना चाहिए था। यह पहली भर्ती हुई है जिस में मैरिट के आधार पर प्रदेश के कुल 119 ब्लाक में 100 से 200 गेस्ट टीचर्स को रखा गया। हर क्षेत्र से गेस्ट टीचर्स को रखा गया था। गेस्ट टीचर्स की भर्ती राजनैतिक प्रभाव रहित, भ्रष्टाचार मुक्त, भाई भतीजावाद से रहित पारदर्शी भर्ती हुई है। लेकिन राजनेताओं का यह रास नहीं आ रही।
गेस्ट टीचरों को तीन माह से स्टेशन नहीं दिया
रघबीर ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास ऐसा कोई अधिकारी नहीं है जो अपने विवेक से नीति बनाकर गेस्ट टीचर्स को नियमित कर सके। प्रदेश दूसरे प्रदेशों की नीतियां चोरी करके अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बना रही है। वर्ष 2011 में पंजाब ने ऐसी नीति बनाई ी। जिसे प्रदेश सरकार वर्ष 2014 में लागू कर रही है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले 1 लाख 72 हजार अध्यापकों को नियमित किया गया है। अन्य प्रदेशों में अनट्रेंड अध्यापकों को नियमित करके ट्रेनिंग देकर ट्रेंड किया गया है। उन्होंने कहा शिक्षा विभाग ने प्रदेश में 3212 अध्यापकों को सरप्लस कर दिया है। इनमें 45 गेस्ट टीचर हैं। गेस्ट टीचर्स को तीन माह से स्टेशन नहीं दिया गया। सरकार अतिथि अध्यापकों को सरप्लस करके बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है।
सुरजेवाला ने जमीन पर बैठ कर सुनीं समस्याएं, बोले - दो दिन में करेंगे सीएम से बात
अतिथि अध्यापक नारेबाजी करते हुए ढांड रोड पर पहुंचे। डीएसपी सुरेंद्र भौरिया के नेतृत्व में पुलिस ने अतिथि अध्यापकों को दोपहर 3.45 बजे लोकनिर्माण मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला की कोठी से पहले ही बैरिकेड लगाकर रोक लिया। अतिथि अध्यापकों द्वारा इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को दिए आश्वासन के बाद उन्हें मंत्री की कोठी पर जाने दिया गया। जहां रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पार्क में अतिथि अध्यापकों के बीच बैठक ज्ञापन लिया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि दो तीन दिन में सीएम से बातचीत करके उनके समस्या को हल कराने का प्रयास किया जाएगा। राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों ने कहा कि अगर उनकी समस्या हल नहीं हुई तो 5 जून से होने वाले तालमेल कमेटी के प्रोग्रामों में शामिल होकर पूर्ण समर्थन देंगे। इसके बाद 11 जून से सभी कांग्रेस पार्टी के एमएलए के आवास पर अनिश्चित कालीन धरना दिया जाएगा। 20 जून को पलवल में प्रदेश स्तरीय बैठक होगी और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
सरकार ने मांगा गेस्ट टीचरों का बॉयोडाटा
टोहाना . हुड्डा सरकार ने प्रदेश के सभी गेस्ट टीचरों का बॉयोडाटा मांगा है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद सरकार गेस्ट टीचरों को पक्का करना चाहती है इसलिए उसने उनका बॉयोडाटा मांगा गया है। वहीं राजनैतिक गलियारे में इसे चुनावी स्टंट माना जा रहा है। अब यह तो समय बताएगा कि हुड्डा सरकार गेस्ट टीचरों को पक्का करने में सफल हो पाती है या नहीं लेकिन फिलहाल सरकार के इस निर्णय से गेस्ट टीचरों में उत्साह का माहौल है। db
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