** पिछले वर्ष खराब परिणाम को लेकर विधानसभा में जताई गई थी चिंता
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ इस साल फिर खिलवाड़ हुआ। स्कूलों में टीचरों की कमी रही, नतीजतन 12 जिलों में दसवीं कक्षा के आधे से ज्यादा बच्चे फेल हो गए। पिछले साल भी दसवीं का रिजल्ट ऐसा ही था। पिछली बार के खराब रिजल्ट पर सभी विधायकों ने विधानसभा में चिंता जताई थी।
जिन 12 जिलों के सरकारी स्कूलों का परिणाम खराब रहा है उनमें से 8 जिले उत्तर हरियाणा के हैं। दसवीं के रिजल्ट में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गृह जिला रोहतक का तीसरे और शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का गृह जिला झज्जर दूसरे स्थान पर रहा है। विधानसभा में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने पिछले साल के खराब परिणाम का कारण शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं कक्षा तक के बच्चों को फेल न करना बताया था।
यमुनानगर फिसड्डी
उत्तर हरियाणा के छह जिलों पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल के सरकारी स्कूलों का दसवीं का परिणाम 44.14 फीसदी से कम रहा। यमुनानगर जिला सूबे में सबसे फिसड्डी यानी 21वें नंबर पर रहा है। जिले के सिर्फ 31.95 फीसदी जबकि करनाल के 32.69 फीसदी बच्चे पास हुए हैं।
"विद्यार्थियों ने जैसे पेपर दिए, वैसा परिणाम आया है। हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड इसमें कुछ नहीं कर सकता। बोर्ड का काम सिर्फ पेपर लेकर परिणाम निकालना होता है।"--डॉ. केसी भारद्वाज, अध्यक्ष, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड। au
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