झज्जर : सरदार शहर, बंगलुरू यूनिवर्सिटी, विनायका मिशन और जेआरएन यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर करने के बाद हरियाणा के शिक्षक भर्ती बोर्ड से नौकरी के लिए चयनित होने वाले उम्मीदवारों को अभी नियुक्ति मिलना आसान नहीं है। भले ही वे पंचकुला में आंदोलनरत हैं, मगर शिक्षामंत्री ने यहां साफ किया है कि जिन विश्वविद्यालयों को मान्यता नहीं है उनके शिक्षित युवाओं को कैसे नियुक्ति दी जा सकती है। जबकि इस संबंध में पहले से कोर्ट में केस पेडिंग है। अपने निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे 1100 के करीब अभ्यर्थी हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे पहले भी उक्त विश्वविद्यालयों के किसी भी स्नातकोत्तर अभ्यर्थी को गलती से नियुक्ति दी गई है तो उसे भी विभाग ने नोटिस भेज दिया है। पहले से नौकरी कर रहे लोगों को प्रमोशन दिए जाने के मामले में भी विभाग की ओर से नोटिस दिए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों को शिक्षा विभाग ने शोकॉज नोटिस भेजे हैं जिन्होंने शिक्षा विभाग की ओर से प्रश्रवाचक चिह्न के सामने आई यूनिवर्सिटीज से स्नातकोत्तर होने के बाद नौकरी पा ली है या फिर प्रमोशन ले ली है। हांलाकि उन्होंने माना कि पीजीटी के मामले में पहले से आंदोलन कर रहे ऐसे अभ्यर्थियों की चिंता इससे और बढ़ जाएगी। लेकिन साथ ही शिक्षामंत्री ने यह साफ किया है कि ऐसे लोगों को भी नोटिस भेजे जा रहे हैं जो इन चार विवि के आधार पर प्रमोशन पा गए हैं। शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि अनुभव के मामले में भी विभाग पूरी तरह से जांच पड़ताल करके नियुक्तियां दे रहा है। जिस किसी भी उम्मीदवार के कागज सही हैं और कोई कागज फेक नहीं है उनक ो नियुक्तियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सही उम्मीदवार के साथ अन्याय नहीं होगा। आपको यह भी बता दें कि इन नियुक्तियों में करीब 135 केस ऐसे हैं जिनकी आयु छूट को विभाग ने सही नहीं माना है। जबकि उनका नाम रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है। शिक्षामंत्री ने ये भी कहा कि यह सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने अपने कार्यकाल में अनेक विभागों में कई बड़ी भर्तियां की हैं और हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए हैं। dt
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