चंडीगढ़ : प्रदेश के 500 अध्यापकों ने चीफ इलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी कर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर )के तौर पर ड्यूटी देने से इंकार कर दिया। अध्यापकों का कहना है कि क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि शिक्षक यदि पढ़ाने के सिवाय दूसरा काम करते पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अब यदि वें बीएलओ की ड्यूटी देते हैं तो यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवमानना होगी। उनकी मांग है कि की कि इस ड्यूटी से मुक्त किया जाए।
क्यों इंकार कर रहे हैं अध्यापक :
सुप्रीम कोर्ट ने छह दिसंबर 2007 को निर्देश दिए कि शैक्षणिक अवधि में अध्यापकों से बीएलओ की ड्यूटी नहीं कराई जा सकती। इसी आधार पर केंद्र सरकार ने 13 सितंबर 2010 को आदेश जारी कर कहा कि शिक्षकों से स्कूल समय में यह ड्यूटी न ली जाए। शिक्षक नेता रामकुमार शास्त्री ने बताया कि बीएलओ की ड्यूटी संबंधित रिटर्निंग अधिकारी लगाते हैं। यह ऑर्डर मौखिक ही आते हैं। प्रदेश के दस हजार टीचर इस काम में लगाए गए हैं। नोटिस देने वालों में कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत और अम्बाला के टीचर शामिल हैं। यदि मांग नहीं मानी तो अदालत में जाएंगे। db
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