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Thursday, 19 June 2014

कर्मचारियों को सीएम आवास जाने से रोका

** 18 सूत्रीय मांगपत्र देना चाहते थे सर्वकर्मचारी संघ के सदस्य 
रोहतक : सर्वकर्मचारी संघ के आह्वान पर बुधवार को ज्ञापन देने के लिए सीएम आवास जा रहे कर्मचारियों को पुलिस ने धारा 144 देकर रोक लिया। विधायक बीबी बत्तरा के यहां पर ज्ञापन देकर 100 से अधिक कर्मचारी मोटरसाइकिल से रैली निकालकर सीएम आवास पर जा रहे थे, कि तभी पुलिस ने अशोका चौक के पास रोक लिया गया।   
सभी कर्मचारियों को मानसरोवर पार्क में बैठाकर सिर्फ 11 कर्मचारियों को ही जाने दिया गया। बुधवार को सभी कर्मचारी प्रदेश आह्वान पर जिले के गढ़ी सांपला किलोई से विधायक व प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्यसभा शादी लाल बतरा व लोकसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा सहित रोहतक विधायक बीबी बतरा, कलानौर विधायक शकुंतला खटक व महम विधायक आनंद सिंह दांगी से मिलकर 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देना था। ज्ञापन रिसीव करने के लिए सभी जनप्रतिनिधि मिल सके, इसके लिए सभी के यहां पर दो दिन पहले कर्मचारियों ने निमंत्रण पत्र भी दिया था। 
अपनी समस्याओं को लेकर हम आपको ज्ञापन देने के लिए 18 जून को आएंगे....आप जरूर मिलना...जी हां ऐसे ही शब्द लिखकर दो दिन पहले सर्व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने राज्यसभा व लोकसभा के सांसद व विधायकों के यहां पर निमंत्रण पत्र दिया था। लेकिन आज जब कर्मचारी एकत्रित होकर सांसदों व विधायकों के घर पहुंचे, तो कोई भी अपने आवास पर नहीं मिला। 
सभी के यहां पर सिर्फ उनके प्रतिनिधि ही मिले। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रमेश लौरा ने बताया कि सभी के यहां पर दो दिन पहले निमंत्रण पत्र दिया गया था। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री आवास पर सीएम के निजी सचिव जेके मेहरोत्रा, महम विधायक के यहां पर उनकी पत्नी, रोहतक व कलानौर विधायक व राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि को 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। 
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें 
 1. दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी प्रकार के पार्ट टाइम, डेली वेजिज, अनुबंध, तदर्थ, डीसी रेट व केंद्रीय परियोजनाओं में लगे कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की जाएं और ठेका प्रथा व आउटसोर्सिंग बंद की जाए। 
 2. राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतनमान दिया जाए परंतु पंजाब से तुलनात्मक रूप से कम न हो। 
 3. राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान भत्ते दिए जाएं। जोखिमपूर्ण कार्य करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए और कर्मचारियों को ट्रांसपोर्ट व मोबाइल भत्ता देना शुरू किया जाए। वास्तविक खर्च पर आधारित कैश लेस मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए। 
 4. रोडवेज के 3519 रूट परमिटों सहित सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों व विश्वविद्यालयों में लागू की जा रही निजीकरण, पीपीपी, आउटसोर्सिंग, फ्रेंचाइजी, ठेकाकरण की नीतियों को रद्द किया जाए। 
 5. स्थानीय निकाय, पंचायती राज संस्थाओं व विवि की स्वायत्तता बहाल की जाए और विश्वविद्यालयों में यूनियन प्रतिनिधियों को ईसी व एफसी में शामिल किया जाए। कुरूक्षेत्र व एमडी विश्वविद्यालय की पुरानी स्टाफ रेशो बहाल की जाए।                          db

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