** गांव एवं शहर अथवा स्कूल का कोई बंधन नहीं
निजी स्कूलों की तर्ज पर अब राजकीय स्कूलों में भी समर कैंप लगेंगे वह भी पूरी छूट के साथ। अगर विद्यार्थी ग्रीष्मकालीन अवकाश पर सोनीपत के बजाए किसी ओर गांव चला गया है तो वह वहां भी इन कैंप को इंज्वाय कर सकता है।
इसी प्रकार राजकीय स्कूलों में बच्चों को पढ़ाकर अपना शैक्षणिक ज्ञान बढ़ा रहे जेबीटी इंटर्न को भी इस बार छूट मिली है। वे भी अपने पसंदीदा ब्लाक में जाकर बच्चों को खेल खेल में सीखा सकेंगे। समर कैंप की शुरुआत चार जून से होगी। विभागीय जानकारी के मुताबिक हर ब्लाक से दस दस स्कूलों में यह समर कैंप लगाया जाएगा। कैंप के दौरान विद्यार्थियों को स्कूली पाठ्यक्रम के बजाए अन्य गतिविधियों में निपुण किया जाएगा।
किसी दिन गांव का इतिहास बताया जाएगा तो किसी दिन अन्य किसी आविष्कार अथवा खेलों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
शिक्षा विभाग की योजना के अनुसार बीते वर्ष मेहनताने के लिए उठानी पड़ी थी परेशानी
शिक्षा विभाग की यह योजना पिछले वर्ष शुरू हुई थी। जिसमें स्कूलों में ट्रेनिंग के लिए भेजे गए जेबीटी स्टूडेंट्स की बच्चों को पढ़ाने की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन अपना मेहनताने को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। अबकी बार तो कई स्कूलों में इस बाबत जानकारी भी नहीं दी गई है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रवक्ता दिनेश छिक्कारा के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक इस बारे में जानकारी स्कूलों में नहीं दी और अब ग्रीष्मकालीन अवकाश भी शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को कोई भी योजना बनाने से पहले शिक्षक वर्ग के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए।
योजना में नहीं दबाव
"विभाग की योजना बहुत बढिय़ा है। इसमें किसी पर कोई दबाव नहीं है। विद्यार्थी और शिक्षक दोनों अपनी मर्जी से इस समर कैंप का हिस्सा बन सकते हैं। कैंप के दौरान एबीआरसी और बीआरसी भी इस पर नजर रखेंगे।"-- धीरज मलिक, जिला परियोजना, संयोजक, सोनीपत dbsnpt
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