** घर से दूर कार्यरत अध्यापकों को तबादले का मौका देगा विभाग
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स के भी अच्छे दिन आने वाले हैं। दिसंबर 2005 से नवंबर 2007 तक नियुक्त हुए अतिथि अध्यापकों को पक्का होने की आस बंध गई है। प्रदेश सरकार ने मंगलवार को गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण के लिए दस वर्षीय पॉलिसी बनाने पर सहमति जता दी। गेस्ट टीचर्स पक्का होने के लिए बीते कई दिनों से ताकत झोंके हुए थे। उद्योग मंत्री रणदीप सुरजेवाला की अध्यक्षता में चंडीगढ़ से लेकर कैथल तक बैठकों का लंबा दौर चला। सुरजेवाला पहले गेस्ट टीचर्स के दोनों गुटों को एक मंच पर लाए और उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से वार्ता तय कराई।
मंगलवार को चंडीगढ़ सचिवालय में मुख्यमंत्री हुड्डा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें गेस्ट टीचर्स के दोनों गुटों के प्रमुख अरुण मलिक व राजेंद्र शास्त्री ने भी भाग लिया। शाम चार बजे शुरू हुई बैठक पौने पांच बजे तक चली। इसमें मुख्यमंत्री हुड्डा स्कूलों में कार्यरत लगभग पंद्रह हजार गेस्ट टीचर्स को पक्का करने के लिए दस वर्षीय पॉलिसी बनाने पर तैयार हो गए। बैठक में यह भी तय हुआ कि गेस्ट टीचर्स के विरुद्ध नियमित अध्यापक आने की स्थिति में उनकी सर्विस ब्रेक नहीं होगी, न ही वेतन काटा जाएगा। जो गेस्ट टीचर्स घर से दूर-दराज कार्यरत हैं, शिक्षा विभाग उन्हें घर के नजदीक खाली पड़े पदों पर तबादले का एक मौका देगा। गेस्ट टीचर्स संघ की ओर से दी जाने वाली सूची के आधार पर ही ट्रांसफर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री व गेस्ट टीचर्स यूनियन के बीच हुई बैठक में समान काम-समान वेतन पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। यह मामला विचाराधीन ही रखा गया है। गेस्ट टीचर्स के लिए राहत की एक बात और भी है। उनके पीरियड बेस के कार्यकाल को भी दस वर्षीय पॉलिसी में शामिल किया जाएगा। इसमें गेस्ट टीचर्स के सालाना 220 पीरियड होना जरूरी हैं। बैठक में उद्योग मंत्री रणदीप सुरजेवाला, शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, वित्त सचिव शिक्षा सुरीना राजन, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव आरएस दून उपस्थित रहे। dj
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