आम बजट पेश किए जाने की तारीख भले ही अभी तय न हुई हो, लेकिन इनकम टैक्सपेयर्स को बजट में दी जाने वाली छूट के बारे में कयासों का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि सरकार सालाना पांच लाख रुपए तक कमाने वालों को पर्सनल इनकम टैक्स के दायरे से बाहर करने पर विचार कर रही है।
भले ही लोग इस तरह के अनुमान व्यक्त कर रहे हों, लेकिन सरकार के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार इनकम टैक्स से छूट की सीमा को बढ़ा कर तीन लाख रुपए कर सकती है।
कहां-कहां हैं अड़चनें
सालाना पांच लाख रुपए तक कमाने वालों को पर्सनल इनकम टैक्स के दायरे से बाहर करना सरकार के लिए आसान नहीं है। आखिर क्या हैं वे बातें, जिनके कारण सरकार ऐसा नहीं कर सकेगी :- पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाली संसदीय समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि सालाना पांच लाख रुपए तक कमाने वालों पर इनकम टैक्स न लगाया जाए।यदि सरकार ने सिन्हा समिति की सिफारिशों को मान लिया, तो उसे सीधे तौर पर सालाना 60 से 70 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त होम लोन पर अदा किए जाने वाले ब्याज पर छूट को 1.5 लाख रुपए से दो लाख रुपए करने पर भी सरकार को हर साल कई हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पणजी में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह साफ कर दिया था कि देश की वित्तीय व्यवस्था में अनुशासन वापस लाने के लिए अगले एक-दो सालों में कड़े निर्णय लेने पड़ सकते हैं। बाद में उन्होंने ट्वीट करके भी कहा था कि देश के हित में कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है।
- देश में काफी लोग अभी भी ऐसे हैं जो टैक्स नहीं देते। फिलहाल तीन करोड़ से कुछ अधिक लोग ही इनकम टैक्स अदा करते हैं। सरकार के सामने बड़ी चुनौती यह है कि किस तरह टैक्स देने वाले लोगों की संख्या को बढ़ाया जाए।
- जो लोग इनकम टैक्स के दायरे में हैं वे भी अपनी आमदनी को कम करके बताते हैं। टैक्स देने वालों में से लगभग 90 फीसदी कहते हैं कि उनकी सालाना आमदनी पांच लाख रुपए से कम है। साल 2013-14 के बजट में पी चिदंबरम ने कहा था, देश में केवल 42,800 लोगों और कंपनियों ने यह स्वीकार किया है कि उनकी सालाना आमदनी एक करोड़ रुपए से अधिक है। अपनी आमदनी को कम करके दिखाने वालों के लिए भी सरकार को कुछ प्रावधान करने होंगे।
ऐसे में जानकारों का मानना है कि इन सभी बातों के बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार इनकम टैक्स छूट की सीमा दो लाख रुपए से बढ़ा कर तीन लाख रुपए कर सकती है। आय कर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले डिडक्शन की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ा कर डेढ़ लाख रुपए किया जा सकता है। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि सरकार सालाना दस करोड़ रुपए से अधिक कमाने वाले लोगों पर टैक्स का बोझ और बढ़ा सकती है।
उम्मीदें हैं तमाम
लोगों ने सरकार से उम्मीद लगा रखी है कि करों के बोझ को हल्का किया जाएगा और कर प्रणाली में ऐसा बदलाव किया जाएगा कि खर्च करने के लिए उनके पास अधिक से अधिक राशि हो। टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि इनकम टैक्स से छूट की मौजूदा सीमा बदली जाएगी। आय कर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत जीवन बीमा का प्रीमियम, होम लोन के मूल धन की अदायगी, पीपीएफ, ईएलएसएस, एनएससी जैसे कई विकल्प हैं, लेकिन इस सेक्शन के तहत मिलने वाला डिडक्शन केवल एक लाख रुपए ही है।
करदाता उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार आने वाले बजट में इस सीमा को बढ़ाएगी। पिछले कुछ सालों के दौरान चिकित्सा खर्च में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, ऐसे में करदाताओं को उम्मीद है कि आने वाले बजट में इस मद में तय की गई छूट की सीमा को बढ़ाया जाएगा। db17614
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