.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday, 4 March 2015

चौराहे पर गुरु जी

सरकार व शिक्षा विभाग की अदूरदर्शी, अव्यावहारिक नीतियों की गाज अध्यापकों पर गिर रही है। तमाम अराजकता के लिए मूल रूप से दोषी कौन है, इसकी तह तक जाने की कोशिश किसी स्तर पर नहीं की जा रही लेकिन केवल अध्यापकों को ही दोषी मान निशाना बनाया जा रहा है। यहां भर्ती प्रक्रिया अथवा पात्रता के मुद्दे पर अनियमितता बरतने वालों की पैरवी नहीं की जा रही बल्कि सवाल उठाया जा रहा है कि इस अनियमितता के लिए क्या विभाग की शिथिलता को जांच और कार्रवाई के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए? क्या सरकार ने सही तरीके से नियोक्ता का दायित्व निभाया? पात्रता परीक्षा के दौरान लिये गए अंगूठे का जांच के दौरान मिलान न होने पर 776 जेबीटी शिक्षकों को दो तरह के नोटिस थमाने की तैयारी आरंभ कर दी गई है, इसलिए उनमें हड़कंप मचना स्वाभाविक है। एक नोटिस में उनके खिलाफ एफआइआर दायर किए जाने तो दूसरे में बर्खास्त करने की सूचना देने के संकेत हैं। दूसरी तरफ कंप्यूटर शिक्षक चंडीगढ़ में पुलिस से भिड़ गए। उन्होंने तो कोई अनियमितता नहीं की फिर उनको वाजिब हक देने के लिए आश्वस्त क्यों नहीं किया जा रहा? तीसरा वर्ग गेस्ट टीचर का है जो बड़ी संख्या में चौराहे पर आ गए हैं, अनियमितता तो उन्होंने भी नहीं की थी, नियमों को दरकिनार भी नहीं किया, सरकार की ओर से आनन-फानन में व्यवस्था करके उन्हें नौकरी दी गई। सभी जानते हैं कि इसमें तात्कालिक सरोकार अध्यापकों से ज्यादा सियासतदानों का था। अब चूंकि उनके चेहरे तो बदल चुके परंतु अतिथि अध्यापकों का भाग्य बदलने का कोई उपाय किसी को नहीं सूझ रहा। चौथा वर्ग पात्र अध्यापकों का है जिन्हें बिना किसी कुसूर के बेरोजगार रहने की सजा मिल रही है। तमाम उदाहरणों में एक बात सामान्य रूप से है कि शिक्षा विभाग की भर्ती नीति में छिद्रों की भरमार है जिसका खामियाजा अध्यापकों को उठाना पड़ रहा है। इन छिद्रों, खामियों के लिए जिम्मेदार लोगों को सरकार तत्काल जांच के दायरे में लाए। परिस्थितियां आज भी वैसी ही हैं जैसी एक या दो दशक पूर्व थी, इसको बदले जाने और शिक्षक भर्ती की स्थायी नीति बनाने की है। तात्कालिक प्रयोजनों की पूर्ति के लिए नियमों में मनमाने तरीके से बदलाव करने पर सख्ती से रोक लगाई जाए। पुरानी गलतियों से सबक लेने की प्रवृत्ति विकसित की जाए तभी व्यवस्था के कांटों को न्यूनतम करने में कामयाबी मिल सकती है।                                                                                              djedtrl

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.