भिवानी : मंगलवार दिनभर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के 10 वीं व 12 वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों की घोषणा बारे चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। बताया जाता है कि परिणाम आ चुका है। दसवीं में 41 प्रतिशत बच्चे पास हुए। पूरा दिन प्रदेश भर से छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक बोर्ड कार्यालय में परिणाम घोषित करने के समय की पूछताछ करते रहे और अफसर सरकारी निर्देशों का इंतजार।
सूत्रों के अनुसार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अब की बार रिकार्ड समय में रिजल्ट देने के लिए 5 तारीख को ही परिणाम तैयार करवा लिया था।
गौरतलब होगा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में पिछले एक दशक से रिजल्ट की पास प्रतिशतता बढ़ाई जाती है। कभी 20 तो कभी 30 प्रतिशत तक परीक्षा परिणाम रिवाइज किए जाते रहे हैं। गत वर्ष भी बोर्ड द्वारा 10 वीं का परीक्षा परिणाम मॉडरेट करके 32 फीसदी से 60 फीसदी तक पहुंचाया गया था।
वर्ष 2013 में तो बोर्ड के 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम ने तत्कालीन सरकार की धज्जियां उड़ा दी थीं। उस दौरान प्रदेश के लगभग 4 दर्जन स्कूलों का परीक्षा परिणाम शून्य रहा था, जिसे लेकर प्रदेश सरकार को विपक्ष ने घेरा था और सरकार की खूब किरकरी हुई थी। इधर खट्टर सरकार शायद प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर अपनी किरकरी नहीं करवाना चाहती। अब इस बात पर नजर है कि प्रदेश सरकार मॉडरेट कर परिणाम घोषित करती है या जैसा है, वैसा ही। उधर विद्यार्थियों को परिणाम घोषित होने का बेसब्री से इंतजार है।
मॉडरेशन में दी जाती है अंकों की छूट
हरियाणा सरकार बहुत कम आये परिणाम को सुधारने की नीयत से अंकों में कुछ छूट देती रही है। कहीं पर विषय और कहीं कुल अंकों पर ग्रेस मार्क देकर परिणाम को बेहतर बनाया जाता है। पिछले कई सालों से घोषित परिणाम मूल परिणाम से ज्यादा इसीलिये रहता है। इस बार भी ऐसी ही चर्चा है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि कुछ अधिकारी ग्रेस मार्क के पक्ष में नहीं हैं। dt
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