भिवानी : नौंवी व ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों व शिक्षकों को पढ़ने-पढ़ाने का माहौल बनाना होगा। बोर्ड परीक्षाओं में खराब रिजल्ट से सबक लेते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने कुछ कड़े फैसले लिए हैं। इसी के तहत नौवीं व ग्यारहवीं कक्षा में अगले सत्र से दूसरे सेमेस्टर के प्रश्न पत्र शिक्षा बोर्ड देगा।
शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने चंडीगढ़ में संपन्न हुई बोर्ड निदेशक मंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इनमें नौवीं व ग्यारहवीं के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में बोर्ड प्रश्नपत्र देने के अलावा हर जिले से 1 हजार उतर पुस्तिकाएं बोर्ड मुख्यालय पर मंगाई जाएंगी जिनका मूल्यांकन बोर्ड अपने स्तर पर कराएगा। इससे पता लगेगा कि किस स्कूल ने छात्रों को अंक देने में मेहरबानी बरती है। बोर्ड का यह फैसला अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा परिणाम घोषित किए थे और उनमें बरती गई सख्ती की काफी चर्चा हुई थी। बोर्ड निदेशक मंडल ने फैसला लिया है कि 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को भी पुनमरूल्यांकन की सुविधा दी जाए। इससे पहले 90 प्रतिशत से कम अंकों वाले छात्रों को ही यह सुविधा दी जाती रही है। इसके अलावा पुनमरूल्यांकन में अंक घटने पर छात्र को घटे हुए अंकों को ही मान्यता दी जाएगी। पुराने नियम के अनुसार पुनमरूल्यांकन में अंक घटने के बावजूद पुराने अंक ही मान्य होते थे। इससे बोर्ड प्रशासन को आर्थिक नुकसान जरूर होगा पर पुनमरूल्यांकन कराने के चलन पर अंकुश लगेगा। पिछले वर्ष करीब 15 हजार छात्रों ने पुनमरूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने पुनमरूल्यांकन की फीस 1 हजार रुपये प्रति उतरपुस्तिका निर्धारित की हुई है।
निदेशक मंडल ने यह भी फैसला लिया है कि नियमित छात्रों को सीसीई व ओपन स्कूल के छात्रों को सीपीई में दिए जाने वाले एक प्रतिशत ग्रेस मार्क को भी बंद कर दिया जाए। इसके अलावा डीएड इंटर्नशिप 365 दिन में ही करनी होगी। अभी इंटर्नशिप की अवधि 90 से 180 दिन की होती है। पुराने नियम के अनुसार इंटर्नशिप करने की अवधि बीईईओ, डीईईओ, शिक्षा बोर्ड सचिव व अध्यक्ष की अनुमति से बढ़ाई जा सकती थी। dj
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