.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Tuesday, 5 May 2015

मिड-डे मील : अफसरों को रास नहीं आ रहा निदेशालय का फैसला

** जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी नहीं भेज रहे प्रस्ताव, रिमाइंडर जारी
** निजी कंपनी को मिड-डे मील का क ाम सौंपने के जारी किए निर्देश
सिरसा : प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील को बनाकर वितरित किए जाने का काम निजी संस्था को दिए जाने को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय बेहद गंभीर है लेकिन लगता है कि जिला स्तर पर बैठे अधिकारियों को यह नया फैसला पसंद नहीं है। इसका खुलासा मौलिक शिक्षा के निदेशक की ओर से जारी पत्र में हुआ है। अब पुन: निदेशालय ने पत्र भेजकर इस संबंध में प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश जारी किए हैं।1यह तो स्पष्ट है कि मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों में बनने वाले मिड-डे मील को बनाए जाने और वितरण किए जाने की जिम्मेदारी निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। लेकिन इस फैसले को विभाग अपने स्तर पर लागू करने की बजाय जिला स्तर से प्रस्ताव मंगवाकर लागू करना चाह रहा है।
सूत्र बताते हैं कि निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा गया था कि वे अपने-अपने उपायुक्तों के माध्यम से प्रस्ताव भेजें जिसमें कहा गया हो कि मिड-डे मील की जिम्मेदारी इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को दी जाए। 
विभागीय सूत्रों की मानें तो सच्चाई यह कि करीब 18 जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारी नहीं चाहते कि यह जिम्मेदारी निजी हाथों में दी जाए। इसलिए जनवरी में आदेश जारी होने के बाद अब तक भी अंबाला, भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पंचकुला, पानीपत, पलवल, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर जिलों से जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से प्रस्ताव नहीं भेजा गया। हालांकि इस बीच निदेशालय की ओर से दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया लेकिन प्रस्ताव नहीं मिला।
निदेशालय ने लगाई अफसरों को फटकार
अब मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से पुन: रिमाइंडर भेजा है। प्रस्ताव न भेजने वाले जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है कि ‘बड़े खेद का विषय है कि आप द्वारा अभी तक भी वांछित प्रस्ताव इस निदेशालय को नहीं भेजा गया है।’ पत्र में पुन: आदेश जारी हुए हैं कि अपने-अपने जिले के उपायुक्त के माध्यम से इस्क ॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को कार्य दिए जाने बारे प्रस्ताव शीघ्र अति शीघ्र निदेशालय को भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि मामले में आगामी आवश्यक कार्रवाई की जा सके। निदेशालय ने कोताही के लिए संबंधित मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदार होने की चेतावनी भी दी है।                                                           dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.