चंडीगढ़ : बीएलओ ड्यूटी के खिलाफ जेबीटी शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट की जस्टिस अमित रावल की बेंच ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही हरियाणा सरकार को 8 मई तक जवाब देने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान बेंच ने शिक्षकों को शिक्षण के बजाय वर्षो से बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यो में व्यस्त रखने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की और सरकारी वकील से पूछा कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है या बीएलओ ड्यूटी करना? याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार शिक्षकों की गैर-शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती।
शिक्षकों का एकमात्र दायित्व शिक्षा देना है न कि अन्य कार्यो में ऊर्जा नष्ट करना। उन्होंने बेंच को बताया कि गुड़गांव में तो बीएलओ नियुक्त शिक्षकों का वेतन रोकने व एफआइआर तक दर्ज करने की अनुसंशा की जा चुकी है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था करे और शुक्रवार तक हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करे। dj
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