करनाल/चंडीगढ़ : मुख्यमंत्रीऔर शिक्षा मंत्री के वादे के बावजूद नौकरी खतरे में देख प्रदेश के गेस्ट टीचरों ने शुक्रवार से फिर सीएम के निर्वाचन क्षेत्र में डेरा डाल लिया है। गेस्ट टीचरों ने ऐलान कर दिया कि वे तब तक यहां जमे रहेंगे जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता। डेढ़ महीने में यह दूसरा मौका है जब गेस्ट टीचरों ने करनाल में डेरा जमाया है। पिछली बार 23 मार्च को धरना शुरू किया था। अगले ही दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने आश्वासन दे दिया था कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी।
इस बार गेस्ट टीचरों ने सेक्टर-12 पेट्रोल पंप के पीछे महापड़ाव डाला है। महिला गेस्ट टीचर अपने बच्चों को साथ लेकर पहुंची हैं। गेस्ट टीचर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि गेस्ट टीचरों ने अब ठान लिया है कि वे नियमित होने तक संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा अधिकारियों ने कोर्ट में जो आंकड़े पेश किए गए हैं वे झूठे हैं। 11 मई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है। इस दौरान संघ सही आंकड़े रखेगा। संघ नेताओं ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि उनकी सरकार आने पर गेस्ट टीचरों को नियमित कर दिया जाएगा। रामबिलास शर्मा ने गेस्ट टीचरों के अनशन के बीच में पहुंचकर उनकी सरकार आने पर पक्का करने का वादा किया था, लेकिन अब वे अपने वादे से पीछे हट रहे हैं।
फतेहाबाद में गेस्ट टीचर की मौत प्रदर्शनकारियों ने कहा सरकार जिम्मेदार
दीवाना (फतेहाबाद) के सरकारी स्कूल में कार्यरत गेस्ट टीचर सुशील कुमार शास्त्री की शुक्रवार को मौत हो गई। गेस्ट टीचर अध्यापक संघ के प्रधान राजेंद्र शास्त्री ने दावा किया कि सुशील नौकरी जाने के डर से तनाव में चल रहा था। हालांकि परिवार की ओर से इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है। प्रदेश में करीब 15,993 गेस्ट टीचर हैं। सरकार की ओर से 4,073 गेस्ट टीचर सरप्लस होने की बात कोर्ट में कही गई है। db
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