नई दिल्ली : दूरस्थ शिक्षण संस्थानों में एमफिल और पीएचडी कार्यक्रमों को मंजूरी मिल सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इसके लिए अपने मानदंडों में छूट देने पर सक्रियता से विचार कर रहा है। ऐसा होने से करीब 10 हजार छात्रों को फायदा पहुंचेगा।
यूजीसी से अध्यक्ष वेद प्रकाश ने बताया कि आयोग इस मामले में विचार कर रहा है और इसे अपनी अगली बैठक रखेगा। यह मामला ऐसे समय में आया है जब पिछले दिनों इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के कुछ शिक्षकों ने यूजीसी को उसके आश्वासन की याद दिलाई। यूजीसी ने चार साल पहले दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शोध कार्यक्रमों के संदर्भ में अपने मानदंडों में छूट देने का आश्वासन दिया था। उल्लेखनीय है कि यूजीसी ने निम्न गुणवत्ता का हवाला देते हुए 2009 में एक अधिसूचना जारी कर दूरस्थ माध्यम से शोध पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी थी। इससे देशभर में शोध पाठ्यक्रमों से जड़े करीब 10 हजार छात्रों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया था। इग्नू सहित विभिन्न मुक्त विश्वविद्यालयों ने इसका व्यापक विरोध किया। उनका कहना था कि संसद और राज्य विधानसभाओं ने कानून बनाकर उन्हें ऐसे पाठ्यक्रमों की अनुमति दी है। इसके बाद यूजीसी ने 2011 में यह रोक हटा ली किंतु उसने इस संबंध में आधिकारिक सूचना जारी नहीं की और मामला चार साल से लटका हुआ है। dj
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