चंडीगढ़ : सरकारी और निजी संस्थानों को डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) कोर्स के दाखिला में वित्तीय धांधली करना अब महंगा पड़ेगा। छात्रों से अधिक फीस वसूलने वाले संस्थान को काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा।
जांच में शिकायत के सही पाए जाने पर हाई कोर्ट के आदेशानुसार संस्थानों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। निजी संस्थाओं की काउंसिलिंग पर राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद भी पैनी नजर रख रही है।
परिषद के निदेशक ने सभी संस्थानों को मनमाफिक फीस न वसूलने का निर्देश जारी कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट सिविल रिट पीटीशन संख्या 6202/2011 के अंतर्गत निजी संस्थानों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए जुर्माने का प्रावधान कर चुका है। डीएड काउंसलिंग की रोजाना रिपोर्ट निजी कॉलेजों को परिषद को भेजनी होगी। छात्रों से अधिक फीस न वसूलने का शपथपत्र स्कूलों को देना होगा। सभी संस्थाओं को काउंसलिंग का रोजाना आंकड़ा आनलाइन अपडेट करना पड़ेगा। इसके लिए परिषद की ओर से निजी संस्थानों को पासवर्ड और कंट्रोल आइडी नंबर दिया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग की तत्कालीन प्रधान सचिव सुरीना राजन ने 2013 में डीएड की कोर्स फीस तीन साल के लिए निर्धारित कर दी थी। ये वित्तीय वर्ष 2015-16 के शैक्षणिक सत्र तक प्रभावी रहेगी। इसके अनुसार संस्थान 25 हजार 800 रुपये से अधिक फीस वसूली किसी छात्र से नहीं कर पाएंगे। 20 हजार 200 रुपये ट्यूशन फीस और 5600 रुपये सालाना चार्ज इसमें शामिल रहेंगे। dj
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