** देर शाम तक स्कूलों में बैठे रहे प्रिंसिपल और मुख्याध्यापक
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने सरप्लस 3581 गेस्ट टीचर्स को आखिर घर भेज ही दिया। मेवात, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद व जींद के बाद सोमवार को अन्य सभी जिलों में भी गेस्ट को बर्खास्तगी पत्र थमा दिए गए। गेस्ट को नौकरी से हटाने के पत्र जारी करने के लिए स्कूलों के प्रिंसिपल और मुख्याध्यापक देर शाम तक कार्यालय में रहे। गेस्ट को स्कूल में बुला-बुलाकर सेवाएं समाप्त किए जाने के आदेश दिए गए। शाम आठ बजे तक मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र करनाल के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में आदेश जारी करने की कार्रवाई चलती रही।
मौलिक स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारियों ने गेस्ट को हटाने की कार्रवाई तीन दिन पहले शुरू कर दी थी। सबसे पहले मेवात के 149 गेस्ट हटाए गए। उसके बाद चार जिलों के 1123 शिक्षकों को अवकाश के दिन रविवार को हटाया गया। सोमवार को बाकी बचे गेस्ट की भी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। अब गेस्ट के सामने आंदोलन के अलावा फिलहाल कोई रास्ता नहीं बचा है। चूंकि कानूनी सलाहकारों ने भी दोबारा हाईकोर्ट न जाने की सलाह दी है।
प्रदेश सरकार ने ही हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर 4060 गेस्ट को सरप्लस दिखाया था। इनमें से 479 पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं। कानूनी सलाहकार मानते हैं कि अब हाईकोर्ट जाने का इसलिए फायदा नहीं है, क्योंकि सरकारी अध्यापकों को भी सरकार सरप्लस बता रही है। ऐसे में कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
प्रदेश सरकार ने ही हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर 4060 गेस्ट को सरप्लस दिखाया था। इनमें से 479 पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं। कानूनी सलाहकार मानते हैं कि अब हाईकोर्ट जाने का इसलिए फायदा नहीं है, क्योंकि सरकारी अध्यापकों को भी सरकार सरप्लस बता रही है। ऐसे में कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
वार्ता के नाम पर धोखा :
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि सरकार ने गेस्ट टीचर्स को हटाने के लिए धोखे की राजनीति की। उनके साथ 15 जून को स्कूलों में तैनात गेस्ट के नियमितीकरण पर चर्चा के लिए बैठक किए जाने का झूठा वादा किया गया। सरकार ने वार्ता तो दूर सरप्लस गेस्ट को हटाने के लिए छुट्टी के दिन भी कार्रवाई की। dj
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