फरीदाबाद : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन से उत्साहित प्रदेश सरकार अब छात्रों को अनिवार्य रूप से योग का प्रशिक्षण दिलाएगी। इसके लिए योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने के प्रयास तेज हो गए हैं। माना जा रहा है कि एक जुलाई से खुल रहे स्कूलों में योग की क्लास भी शुरू हो जाएगी।
सरकार ने हरियाणा स्पोर्ट्स एंड फिजिकल फिटनेस पॉलिसी 2015 के तहत योग को सभी शिक्षण संस्थानों में फिजिकल प्रशिक्षण के साथ अनिवार्य कर दिया है, लेकिन निर्णय के आठ माह बाद भी अभी तक यह कवायद धरातल पर नहीं पहुंच पाई। अब 21 जून को प्रदेशभर में सफल हुए योग कार्यक्रमों को देखते हुए सरकार ने इस पर दोबारा काम करना शुरू कर दिया है। योजना के मुताबिक सुबह प्रार्थना सभा के बाद विद्यार्थियों को 25 मिनट योग और कसरत करना होगा। साथ ही योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। जल्द ही शिक्षा निदेशालय इस संबंध में सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करेगा।
उल्लेखनीय है कि खट्टर सरकार ने सत्ता में आते ही योग को अनिवार्य करने का निर्णय लिया था। इसके लिए योग गुरु स्वामी रामदेव को ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया था। साथ ही फिजिकल एजुकेशन के शिक्षकों और प्राचार्यों तक को योग अभ्यास के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया था, लेकिन स्कूलों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। वहीं, उस समय विपक्षी दलों ने भगवा विचारधारा थोपने के नाम पर इसका विरोध किया था। इस कारण मामला ठंडा पड़ गया। अब चूंकि इस पर जन समर्थन मिल चुका है, इसलिए सरकार ने दोबारा से कवायद शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का कहना है कि नियमित योग करने से बच्चे चुस्त-दुरुस्त रहेंगे। योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए जल्दी विभागीय अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। au
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